मोटर चुराने के आरोप में दलित मजदूर को पीट-पीटकर मार डाला, परिवार का विरोध जारी, अंतिम संस्‍कार से किया इनकार

Haryana Dalit Man beaten to death on allegedly stealing motor Hisar Government Hospital family protest continues denial of funeral

नई दिल्‍ली/हिसार : 14 दिसंबर को एक बिजली की मोटर चोरी के संदेह में पीट-पीटकर मार डाले गए एक दलित व्यक्ति के परिवार ने शुक्रवार को तीसरे दिन भी हिसार के सरकारी अस्पताल (Hisar Government Hospital) परिसर में अपना विरोध जारी रखा और जब तक कि सभी संदिग्धों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, उन्‍होंने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. हिसार जिले के मिरकान गांव (Mirkan village of Hisar district) में मंगलवार को ग्रामीणों के एक समूह ने एक दैनिक मजदूर विनोद (38) दलित व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला (Dalit Man beaten to death) और उसके दो चचेरे भाई घायल हो गए थे.

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एक पुलिस अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि विनोद का परिवार मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये, उसकी पत्नी के लिए सरकारी नौकरी, मामले के सभी 17 आरोपियों की गिरफ्तारी, घटना में घायलों में से प्रत्येक के लिए 25 लाख रुपये का मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग कर रहा है.

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दरअसल, पीडि़त दलित परिवार (Deceased Dalit Family) ने अपनी मांगों के लिए दबाव बनाने के लिए स्थानीय लोगों के साथ विनोद के शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था और बुधवार से धरने पर बैठे हैं. परिवार ने आरोप लगाया कि ऊंची जाति के ग्रामीणों के एक समूह ने 14 दिसंबर को विनोद और उसके दो चचेरे भाइयों- संदीप और भाल सिंह को किसी बहाने से अपने खेत में ले जाकर पिटाई की थी. परिवार ने कहा कि आरोपियों ने विनोद को इस संदेह में मार डाला कि उनके खेत से पानी का मोटर पंप चुरा लिया गया (Dalit Man beaten to death). डॉक्टरों के एक बोर्ड ने 15 दिसंबर को शव का पोस्टमॉर्टम किया था और इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई थी.

रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा है कि, शुरुआत में परिवार ने 11 संदिग्धों को दोषी ठहराया था, जिनमें से छह पर हत्या का आरोप लगाया गया था. बाद में एक पूरक बयान में, परिवार ने कहा कि हत्या के लिए 17 लोग जिम्मेदार थे. हिसार डीएसपी (मुख्यालय), अशोक कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि शेष सभी संदिग्धों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. गिरफ्तार लोगों की पहचान इंदर सिंह, राजपाल, विजय और भगीरथ के रूप में हुई है. सूत्रों ने कहा कि इस मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है.

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इस बीच, प्रशासन के अधिकारी कई दौर की बातचीत कर मृतक के परिवार को मृतक विनोद के शव का दाह संस्कार करने की कोशिश कर रहे हैं. परिवार की मांग पर मामले के जांच अधिकारी को पहले ही बदला जा चुका है. प्रशासन ने मृतक के परिवार को 8.5 लाख रुपये मुआवजा देने का आश्वासन दिया है.

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एक अधिकारी ने कहा कि “मृतक के परिवार को मुआवजे की राशि के 4.5 लाख रुपये जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन परिवार के बैंक खाते के अभाव में इसे तुरंत जारी नहीं किया जा सका. अब मुआवजा राशि जारी करने के लिए सोमवार को बैंक खाता खोला जाएगा. इसके अलावा, घायलों में से प्रत्येक के लिए 1 लाख रुपये भी दिए जाएंगे.”

बुधवार को हिसार की उपायुक्त प्रियंका सोनी (Hisar Deputy Commissioner, Priyanka Soni) और डीआईजी बलवान सिंह राणा (DIG Balwan Singh Rana) समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने मृतक के परिवार से मिलने स्थानीय अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने विनोद के दो घायल चचेरे भाइयों से भी बातचीत की थी. राणा ने कहा कि एक डीएसपी स्तर का अधिकारी अपराध की जांच करेगा. हत्या के आरोप और एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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