नई दिल्ली/भोपाल : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) जिले में दलित उत्पीड़न (Dalit Oppression) का एक वीभत्स मामला सामने आया है, जिसमें एक दलित (Dalit) शख्स के महज पेड़ काटने से इनकार कर देने पर उसकी गर्भवती बीवी, दो बच्चों और सास को किडनैप कर लिया गया.
बताया जा रहा है कि इन सभी को चार दिनों तक बुरी तरह टॉर्चर किया गया. प्रेग्नेंट महिला का आरोप है कि उसके बच्चों के सामने उसके साथ रेप (Rape with Dalit Woman) भी किया गया.
बीते बुधवार को पत्रकार द्वारा पुलिस को जानकारी दिए जाने के बाद इन सभी को छुड़वाया गया. पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी गांव का ही है और उसे गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके दो करीबी पकड़े जाने से पहले ही भाग गए.
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एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को महिला ने पत्रकारों को इस घटना के बारे में बताया कि गांव के एक दबंग ने उसके साथ रेप किया. हालांकि, पुलिस ने इस मामले में दर्ज एफआईआर में रेप का जिक्र नहीं किया है.
छतरपुर के पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने इस बाबत कहा है कि जिस तरह महिला ने मीडिया के सामने खुलासा किया है, उसके मद्देनजर प्राथमिकी में रेप संबंधित धाराएं जोड़ी जाएंगी.
एफआईआर में नामजद तीनों आरोपियों पर चोट पहुंचाने, अपहरण, अश्लीलता और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून के तहत आरोप लगाया गया है.
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एसपी सचिन शर्मा के मुताबिक, ”महिला के शरीर पर चोट के निशान हैं. अपनी शिकायत में उसने पुलिस को केवल शारीरिक प्रताड़ना के बारे में ही सूचित किया है. साथ ही हमें किसी भी यौन उत्पीड़न के बारे में नहीं बताया गया था, लेकिन अगर वह कह रही है तो हम एफआईआर में बलात्कार की धारा को जोड़ेंगे.”
राजनगर थाना प्रभारी पंकज शर्मा का कहना है कि मुख्य संदिग्ध ने 32 वर्षीय दलित मजदूर को अपने खेत में कुछ पेड़ काटने के लिए बुलाया था, लेकिन उसने कथित तौर पर इसलिए मना कर दिया कि उसकी तबियत खराब है.
उनके अनुसार, सजा देने के लिए मजदूर को पीटा गया, लेकिन वह भागने में सफल रहा. बाद में, आरोपी मजदूर के घर पहुंचा और उसकी प्रेग्नेंट पत्नी, दो बच्चों और मां को पीटा. आरोपियों ने उनका अपहरण किया और उन्हें चार दिनों तक प्रताड़ित भी किया.
‘मामा’ शिवराज के राज में भांजियों की इज्जत चार दिन तक लूटी जा रही: कोमल अहिरवार
इस मामले में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रदेश अध्यक्ष कोमल अहिरवार ने कहा है कि शिवराज सिंह चौहान खुद को मामा कहते हैं, लेकिन आज भांजियों की इज्जत एक नहीं, बल्कि चार दिन तक लूटी जा रही है और उनकी चुप्पी नहीं टूटी है.
उन्होंने आगे कहा कि शिवराज सिंह दूसरों की चुप्पी तोड़ने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन हमारी पार्टी द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद अभी तक उन्होंने इस घटना पर मुंह तक नहीं खोला और कोई बयान नहीं दिया.
उन्होंने पीडि़तों के लिए न्याय की मांग करते हुए कहा है कि केवल मुख्य आरोपी को अभी तक गिरफ्तार किया जा सका है, जबकि अन्य आरोपी अभी तक फरार हैं. यहां तक की थाना प्रभारी पंकज शर्मा को निलंबित किया जाए, क्योंकि घटना के संदर्भ में उन्हें कोई जानकारी ही नहीं थी.
प्रदेश अध्यक्ष कोमल अहिरवार ने कहा कि यह बेहद गंभीर अपराध है कि नन्हे-मुन्हों के सामने उनकी मां का रेप किया गया. इस मामले में प्रदेश के गृह मंत्री ने भी अभी तक मुंह नहीं खोला है.
उन्होंने कहा है कि अगर जल्द ही इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पार्टी पीडि़तों को इंसाफ दिलाने के लिए बड़ा आंदोलन करेगी.