टीम इंडिया (Indian Cricket Team) के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) द्वारा जातिसूचक शब्दों (Casteist Remarks) का इस्तेमाल करने के खिलाफ शिकायत पर हरियाणा पुलिस (Haryana Police) ने आखिरकार एफआईआर दर्ज कर ली है. वकील एवं नेशनल अलायंस और दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन की शिकायत पर पुलिस ने करीब 8 महीने के बाद हिसार के थाना हांसी शहर में रविवार को केस दर्ज किया. युवराज के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153 A, 295, 505 के अलावा एससी/एसटी एक्ट (SC ST ACT) की धारा 3 {1) (r) तथा 3(1)(s) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
दलित सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता व अधिवक्ता रजत कलसन ने युवराज के खिलाफ हरियाणा के हांसी के पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत दायर कर मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की थी. एसपी की तरफ से आगे की कार्रवाई के लिए शिकायत को थाना शहर हांसी भेज दिया गया था, लेकिन पुलिस की ओर से लंबे समय तक कोई कार्रवाई न किए जाने के बाद वकील कलसन ने अदालत का रुख किया था और युवराज के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग अदालत से की गई थी. अदालत की सख्ती के बाद हरियाणा पुलिस ने आखिरकार युवराज के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
हिसार जिला अदालत की एससी-एसटी स्पेशल कोर्ट में शिकायत दाखिल कर युवराज सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के पुलिस को निर्देश दिए जाने की मांग की थी. हिसार की अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत के न्यायाधीश बीपी सिरोही ने शिकायतकर्ता रजत कलसन की शिकायत पर सुनवाई करते हुए बुधवार को हांसी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर युवराज के खिलाफ दिनांक 2 जून को दी गई शिकायत पर की गई कार्रवाई की स्टेट्स रिपोर्ट मांगी थी.
दरअसल, बीते साल जून माह में युवराज सिंह भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के साथ लाइव वेब चैट कर रहे थे तभी उन्होंने जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया था. इंस्टाग्राम पर लाइव चैट में युवराज और रोहित बात कर रहे थे. इस दौरान युवराज ने कहा कि कुलदीप भी ऑनलाइन आ गया. उधर से रोहित शर्मा बोलते हैं कि कुलदीप ऑनलाइन है, ये सब ऑनलाइन हैं, ये सब ऐसे ही बैठे हुए हैं… इतने में युवराज सिंह बोलते हैं कि ये भंगी लोगों को कोई काम नहीं है यूज़ी को. यूज़ी को देखा क्या फोटो डाला है अपनी फैमिली के साथ. मैंने उसको यही बोला कि अपने बाप को नचा रहा है, तू पागल तो नहीं है @#$%… यह सुनकर युवराज सिंह हंस देते हैं.
वकील रजत कलसन ने अपनी शिकायत में कहा था कि युवराज सिंह ने जानबूझकर उक्त टिप्पणी कर पूरे दलित समाज को नीचा दिखाने व अपमानित करने का काम किया तथा सवर्ण तथा दलित समुदायों के बीच दुश्मनी करने का व उनमें दंगा फैलाने का प्रयास किया है, जिससे देश का सामाजिक भाईचारा व सौहार्द खराब होने की आशंका है तथा उन्होंने यह टिप्पणी कर संविधान में देश की अखंडता, एकता व भाईचारे को तोड़ने का अपराध किया है.
स्पेशल कोर्ट में दाखिल की गई थी शिकायत
वकील रजत कलसन की तरफ से स्पेशल जज (SC/ST Act) बीपी सिरोही की अदालत में यह शिकायत दाखिल की गई थी. इस शिकायत में उन्होंने लिखा था, बीते 1 जून 2020 को उन्होंने इंटरनेट के जरिये अपने मोबाइल फोन पर वीडियो देखी, जो युवराज सिंह द्वारा पोस्ट की गई थी और इस वीडियो में वह रोहित शर्मा (Rohit Sharma), जोकि भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य और मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी हैं, से बातचीत कर रहे थे. इस बातचीत में युवराज कहते दिखे कि ये भंगी लोगों को और कोई काम नहीं है.
युवराज ने जानबूझकर अनुसूचित जाति समुदाय का नाम अपशब्द के तौर पर लिया
शिकायत में उन्होंने कहा है कि युवराज सिंह ने इरादतन और जानबूझकर अनुसूचित जाति समुदाय का नाम अपशब्द के भाव से अपने दोस्त के लिए इस्तेमाल किया. अनुसूचित जाति के लिए इस अपमाजनक टिप्पणी पर रोहित शर्मा भी हंस रहे थे. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और इसे लाखों लोगों ने देखा.
युवराज की टिप्पणी से शेड्यूल कास्ट कम्युनिटी ने अपमानित महसूस किया
कलसन ने शिकायत में आगे कहा, युवराज सिंह ने साफ तौर पर सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म पर अपशब्द के तौर पर अनुसूचित जाति के समुदाय का नाम लिया और उनके द्वारा ऐसा किए जाने से न केवल आवेदक बल्कि पूरे शेड्यूल कास्ट कम्युनिटी ने अपमानित महसूस किया. उस वीडियो में जानबूझकर की गई टिप्पणी अपमान, गाली देने के इरादे से की गई, जोकि सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर उसके पूरे SC/ST समुदाय को अपमानित कर रही है और यह सार्वजनिक दृश्य में है.
शिकायत में बताया, IO ने कहा- बिना एसपी की इजाजत केस दर्ज नहीं कर सकते…
शिकायत में उनकी तरफ से कोर्ट को बताया गया है कि उन्होंने बीते 2 जून को एसपी, हांसी लोकेंद्र सिंह के समक्ष शिकायत दाखिल की थी, जिसके बाद डीएसपी, हांसी रोहतास सिहाग को जांच अधिकारी बनाया गया. जांच अधिकारी ने प्रारंभिक जांच शुरू की और कानून की धारा 18-ए का उल्लंघन किया. शिकायतकर्ता ने डीएसपी हांसी को वह आपत्तिजनक वीडियो, अपना कास्ट सर्टिफिकेट, सेक्शन 18-ए, रूल 5 और सेक्शन 15-ए (9) की प्रिंटिड समरी दी. उनकी तरफ से कहा गया कि 8 जून को उन्होंने डीएसपी को शाम 7.30 बजे किया तथा IO ने उनसे कहा कि वह बिना एसपी की इजाजत के केस दर्ज नहीं कर सकते.
युवराज के हैं बड़े पॉलिटिकल लिंक- कलसन
उनकी तरफ से आगे कहा गया है कि आरोपी एक शक्तिशाली व्यक्तित्व है और उसे बड़े राजनीतिक एवं प्रशासनिक संपर्क हैं. उनकी तरफ से हांसी के एसपी और डीएसपी के अलावा पुलिस स्टेशन सिटी हांसी के इंचार्ज से मुलाकात की गई, लेकिन केस से संबंधित कई कागजात और सबूत भी दिखाए लेकिन उक्त पुलिस अधिकारियों का व्यवहार देखकर लगता है कि उन्हें पुलिस की तरफ से इस केस में कोई न्याय नहीं मिलेगा.
लिहाजा उनकी तरफ से कोर्ट से मांग की गई कि युवराज सिंह के खिलाफ SC/ST POA Act की धारा 14, 15-A (9), Rule 5 तथा आईपीसी की धारा 154 के तहत एफआईआर दर्ज करने के आदेश थाना शहर हांसी के SHO को दिए जाएं तथा मामले की जांच की जाए.
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