टीम इंडिया (Indian Cricket Team) के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) द्वारा जातिसूचक शब्दों (Casteist Remarks) का इस्तेमाल किए जाने को खिलाफ दलित सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता व अधिवक्ता रजत कलसन द्वारा हांसी पुलिस को दी गई शिकायत के आधार पर हांसी पुलिस ने उनके बयान दर्ज कर लिए हैं. बुधवार को पुलिस ने द्वारा यह कानूनी प्रकिया अपनाई गई.
वकील रजत कलसन ने DalitAwaaz.com को बताया कि, डीएसपी रोहताश सिंह ने बुधवार को उनके Crpc 161 के बयान दर्ज किए गए. उनके अनुसार, पुलिस ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वह इस मामले में गंभीर हैं और इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी राय ली जा रही है. इस बारे में जल्द ही सूचना दे दी जाएगी.
आपको बता दें कि कलसन ने युवराज के खिलाफ हरियाणा (Haryana) हांसी (Hansi) के पुलिस अधीक्षक के समक्ष दायर शिकायत की थी. हांसी एसपी को दी गई इस लिखित शिकायत में युवराज के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है.
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इससे पहले बुधवार को संबंधित पुलिस की ओर से शिकायतकर्ता से उनसे मामले की डीवीडी मांगी गई है, साथ ही उनका जाति प्रमाण पत्र भी मांगा गया और उन्हें जांच अधिकारी के पास भेजा गया.
एडवोकेट कलसन ने बताया कि उधर, अनुसूचित जाति आयोग को भेजी गई शिकायत के बाद कमिशन ने भी हांसी पुलिस को 15 दिन में एक्शन टेकन रिपोर्ट देने को कहा है.
दरअसल, सोशल मीडिया पर यह मामला सामने आने के बाद मंगलवार को एडवोकेट रजन कलसन ने एसपी और SC आयोग को भेजी शिकायत में लिखा था, जाट जाति से ताल्लुक रखने वाले युवराज सिंह सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में अपने साथी क्रिकेटर से बातचीत करते हुए दलित समाज के खिलाफ जानबूझकर उनका अपमान करने की नीयत से टिप्पणी की कि ये भंगी लोगों को कोई काम नहीं है.
इस दौरान उनके साथ बातचीत कर रहे रोहित शर्मा (Rohit Sharma) सवर्ण जाति से हैं. रोहित शर्मा ने उक्त टिप्पणी को सुनने के बाद युवराज की बात पर हंसकर युवराज की दलित समाज के खिलाफ टिप्पणी पर सहमति जाहिर की.
शिकायत में कहा गया कि उक्त टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल है तथा सोशल मीडिया पर उक्त वीडियो में दलित समाज के खिलाफ अपमानजनकर टिप्पणी को देश, विदेश के लाखों करोड़ों लोगों ने देखा है, जिससे प्रार्थी तथा इस शिकायत पर हस्ताक्षर करने वाले दलित समाज के गवाहों की भावनाएं बतौर दलित समाज के सदस्य आहत हुई हैं.
वकील रजत कलसन ने अपनी शिकायत में कहा कि युवराज सिंह ने जानबूझकर उक्त टिप्पणी कर पूरे दलित समाज को नीचा दिखाने व अपमानित करने का काम किया तथा सवर्ण तथा दलित समुदायों के बीच दुश्मनी करने का व उनमें दंगा फैलाने का प्रयास किया है, जिससे देश का सामाजिक भाईचारा व सौहार्द खराब होने की आशंका है तथा उन्होंने यह टिप्पणी कर संविधान में देश की अखंडता, एकता व भाईचारे को तोड़ने का अपराध किया है.
शिकायत में एसपी से मांग की गई है कि युवराज सिंह के खिलाफ अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम (SC/ST Act) तथा आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार किया जाए.
टीम इंडिया (Indian Cricket Team) के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) जातिसूचक शब्दों (Casteist Remarks) का इस्तेमाल कर नए विवाद में फंस गए हैं. युवराज सिंह द्वारा गेंदबाज युजवेंद्र चहल को भंगी कह दिए जाने के बाद उन्हें नाराजगी का सामना करना पड़ा है. लोगों की नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) पर बकायदा #युवराज_सिंह_माफी_मांगो टॉप ट्रेंड में रहा.
दरअसल, युवराज सिंह भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के साथ लाइव वेब चैट कर रहे थे तभी उन्होंने इस जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया.
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लाइव चैट में युवराज और रोहित बात कर रहे थे. इस दौरान युवराज ने कहा कि कुलदीप भी ऑनलाइन आ गया. उधर से रोहित शर्मा बोलते हैं कि कुलदीप ऑनलाइन है, ये सब ऑनलाइन हैं, ये सब ऐसे ही बैठे हुए हैं… इतने में युवराज सिंह बोलते हैं कि ये भंगी लोगों को कोई काम नहीं है यूज़ी को. यूज़ी को देखा क्या फोटो डाला है अपनी फैमिली के साथ. मैंने उसको यही बोला कि अपने बाप को नचा रहा है, तू पागल तो नहीं है @#$%… यह सुनकर युवराज सिंह हंस देते हैं.
इस तरह इस चैट में युवराज द्वारा युजवेंद्र को भंगी कहे जाने के बाद सोमवार रात से सोशल मीडिया पर युवराज सिंह से माफी मांगने को कहा जा रहा है. टि्वटर पर #युवराज_सिंह_माफी_मांगो ट्रेंड पर लोग तरह तरह के कमेंट कर उनसे माफी मांगने और अपनी नाराजगी भरी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं.
Twitter पर #युवराज_सिंह_माफी_मांगो ट्रेंड पर लोगों के सभी कमेंट देखने के लिए यहां क्लिक करें…
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