कर्नाटक (Karnataka) के मंड्या (Mandya) जिले की नागमंगला तहसील में एक दलित परिवार (Dalit Family) के गांव से बहिष्कृत किए जाने का मामला सामने आया है. कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने इस मामले में दस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, बीती 9 मई को बुरडकुप्पे गांव के रहने वाले बसुराजु का गांव के बाहर पानी की निकासी नाली को लेकर झगड़ा हुआ था. इसके बाद पड़ोसी उसके खिलाफ एकजुट हो गए और उन्होंने 12 मई को गांव में पंचायत बुलाई.
कर्नाटक : दलित संगठन के युवा नेता की घर के बाहर निर्मम हत्या
इस पंचायत (Panchayat) में हुए फैसले के बाद बसुराजु का गांव से बहिष्कार करवा दिया गया.
(Dalit Awaaz.com के फेसबुक पेज को Like करें और Twitter पर फॉलो जरूर करें…)
बड़ी बात यह है कि पंचायत ने यह अजीब फैसला सुनाया. इस फैसले में पंचायत ने निर्णय लिया कि दलित परिवार को गांव की किसी किराने की दुकान से सामान नहीं दिया जाएगा. साथ ही उसके साथ कोई ताल्लुक नहीं रखेगा.
लॉकडाउन में बढ़ीं जातिगत हिंसा, 30 बड़ी घटनाएं सामने आईं, प्रवासी मजदूरों पर भी हमले बढ़े- रिसर्च
केवल यही नहीं, ग्राम पंचायत ने दलित परिवार के घर में पानी की आपूर्ति तक बंद कर दी.
इसको लेकर बसुराजु के नागमंगला ग्रामीण थाने में दस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया. दलित परिवार को गांव में बहिष्कृत करने का पता चलने पर पुलिस अधीक्षक के. परशुराम व अन्य अधिकारियों ने दलित परिवार के घर जाकर किया और कार्रवाई का आश्वासन दिया.
(Read- दलित आवाज़ की खबर का असर, रायबरेली दलित युवक की मौत का मामला राष्ट्रपति तक पहुंचा)
पढ़ें- हरियाणा: लॉकडाउन में एक दलित मुस्लिम महिला का हिंदू रीति रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार