रविदास जयंती (Ravidas Jayanti) के मद्देनजर पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Election 2022) की तारीख बदल दी गई है. इसके चलते राज्य में दलित वोट की ताकत को सबसे सामने उभारा है. साथ ही दलित समाज के लोगों और उनका नेतृत्व करने वाले डेरों का महत्व सामने आया है. चुनावी की तारीखों में बदलाव होते ही रविदासिया समुदाय (Ravidassia Community) राष्ट्रीय पटल पर चर्चा का विषय बन गया है.
रविदासिया समुदाय (Ravidassia Community) संत रविदास (Sant Ravidas) से जुड़ा समूह है. गुरु रविदास (Guru Ravidas) ने जिस पंथ को प्रचारित और प्रसारित किया, रविदासिया समुदाय (Ravidassia Community) उसी का अनुसरण करता है. यह पंथ 20वीं सदी में भारत पर अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान अस्तित्व में आया. पर आजादी के बाद ये लगातार समृद्ध और विस्तारित हुआ. इस पंथ को मानने वालों की आबादी करीब 20 से 50 लाख तक बताई जाती है.
गुरु रविदास (Guru Ravidas) को इस समुदाय में ‘सतगुरु’ और मौजूदा डेरा प्रमुखों को ‘गुरु’ और पंथ को मानने वालों को ‘भगत’ कहा जाता है. दरअसल, पहले यह समुदाय सिख धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) को ही अपना पवित्र प्रतीक मानता था, लेकिन साल 2009 में ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में तत्कालीन रविदासिया गुरु संत निरंजन दास (Guru Niranjan das) और उनके नायब संत रामानंद दास पर जानलेवा हमला हुआ था. कहा जाता है कि सिख आतंकियों ने यह हमला किया, जिसमें संत रामानंद दास का निधन हो गया. इसके बाद यह पंथ सिखों से अलग हो गया.
Sant Ravidas : जानें क्यों सतगुरु रविदास ने सदैव निराकार को अपनाया?
आखिर रविदासिया समुदाय पंजाब में कितना प्रभावशाली है?
दरअसल, देखा जाए तो इसका जवाब दो हिस्सों में मिलता है. पहले हिस्से में- रविदासिया समुदाय का सबसे बड़ा ठिकाना ‘डेरा सचखंड बल्लां’ (Dera Sachkhand Ballan) का मुख्यालय जालंधर, पंजाब में है. इस डेरे के प्रमुख वही गुरु निरंजन दास हैं, जिन्होंने 2009 में विएना में हुए हमले के बाद अपना रास्ता अलग कर लिया था. दूसरा पहलू ये भी है कि पंजाब (Punjab) ही नहीं ज्यादा स्थलों पर रविदासिया समुदाय (Ravidassiya Community) के बहुतायत सदस्य अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) से ताल्लुक रखते हैं. वर्ष 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक, पंजाब राज्य में करीब 32% आबादी दलितों की है. इसमें से सिर्फ ‘डेरा सचखंड बल्लां’ (Dera Sachkhand Ballan) के समर्थकों की तादाद ही 15 लाख से कुछ अधिक बताई जाती है.
पंजाब में दलितों 39 उपवर्ग, इनमें दूसरे सबसे बड़े रविदासी?
‘द पायनियर’ की हाल ही केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि पंजाब (Punjab) दलितों (Dalits) में 39 उपवर्ग हैं. इनमें भी 5 उपवर्ग ऐसे हैं, जिनमें 80% दलित आबादी (SC Population) आ जाती है. इनमें 5 उपवर्गों में भी 30% मजहबी सिखों के बाद दूसरे सबसे बड़े रविदासिया (Ravidassiya) हैं, 24% के करीब. अधिकांश रविदासिया (Ravidassiya) पंजाब (Punjab) के दोआबा क्षेत्र में पाए जाते हैं. इस क्षेत्र में जालंधर, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला जैसे जिले आते हैं.