‘बुद्ध एवं उसके धम्म’ (The Buddha and His Dhamma) की प्रस्तावना को डॉ. बी.आर आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) ने 15 मार्च, 1956 को अपने हाथ से अत्त्युतम ढंग से 13 लम्बे कागजों पर लिखा है. इसे पूरा करने के लिए उन्होंने तीन बार पेन बदला. संदेह के लिए कोई गुंजाइश न छोड़ते हुए इसे पूर्णतया स्पष्ट बनाने के लिए प्रस्तावना का निष्कर्षात्मक निम्न पैरा प्रस्तुत किया गया है और यह पैरा उन्होंने जो कुछ कहा है उसका साक्ष्य है:
मैं उल्लिखित करता हूँ यह तीन पुस्तकों में से एक है जो बौद्ध धर्म को उचित रूप से समझने के लिए एक समूह के रूप में है. अन्य दो पुस्तकें हैं 1. बुद्ध एंड कार्ल मार्क्स (Buddha and Karl Marx) और 2. प्राचीन भारत में क्रान्ति एवं प्रति-क्रान्ति (Revolutions and Counter-Revolution in Ancient India). ये खण्डों में लिखी गई हैं. मैं इन्हें शीघ्र ही प्रकाशित करने की आशा करता हूं.
15, मार्च 1956
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