‘मुझे कांग्रेसियों द्वारा देशद्रोही कहा जाता है, क्योंकि मैंने गांधी जी का विरोध किया. मुझे इस आरोप से कोई परेशानी नहीं है. यह आरोप आधारहीन, द्वेषयुक्त और झूठा है. मुझे विश्वास है कि हिंदुओं की भावी पीढि़यां राउंड टेबल के मेरे कार्यों को पढ़कर सराहेंगी’.
जब डॉ. आंबेडकर ने कहा, शिक्षा में पिछड़े वर्ग की स्थिति मुसलमानों से भी बुरी है
बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) ने यह बातें लंदन से दूसरी गोलमेज परिषद से वापस लौटने पर 29 जनवरी 1931 को आरटीसी मुंबई में कही थीं.
बाबा साहब ने अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर गांधी के दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए कहा कि बहिष्कृत वर्ग से समझौता वार्ता करते समय वे चोरी-छिपे सांठगांठ कर रहे थे.
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उन्होंने यहां सुन रहे लोगों से कहा कि वे किसी नेता पर विश्वास करने की बजाय अपनी ताकत पर भरोसा रखें.
सभा की समाप्ति पर डॉ. आंबेडकर ने नासिक मंदिर प्रवेश के सत्याग्रह (लगभग उसी समय आंबेडकर के अनुयायियों ने सत्याग्रह करके कला राम मंदिर, नासिक में प्रवेश किया.) को बधाई दी.
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