डॉ. बीआर आंबेडकर नें क्‍यों कहा- एक वर्ग, दूसरे वर्ग पर भी शासन करने की योग्य नहीं

Dr BR Ambedkar Why said one class is not capable of ruling even another class

लाहौर के जातपात तोड़क मंडल 1936 (Jat-Pat Todak Mandal 1936) के वार्षिक सम्‍मेलन के लिए बाबा साहब डॉ. बीआर आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) द्वारा तैयार किए गए भाषण में सामाजिक सुधारों पर गंभीर विचार व्‍यक्‍त किए गए थे. बाबा साहब ने दलित उत्‍पीड़न (Dalit Atrocities) की कुछ घटनाओं को सामने रखते हुए कुछ तल्‍ख सवाल भी किए थे. उन्‍होंने निष्‍कर्ष के तौर पर कहा था कि यह बात स्‍वीकार करनी चाहिए कि एक वर्ग (उच्‍च वर्ग) दूसरे वर्ग (निचले वर्ग) पर भी शासन करने के योग्‍य नहीं है.

बाबा साहब ने अपने इस भाषण में इंदौर (Indore) के कई गांवों, अहमदाबाद (Ahmedabad) के जानू गांव और जयपुर (Jaipur) के चकवारा में दलित (Dalit) के साथ घोर उत्‍पीड़न की घटनाओं का जिक्र करने के बाद लिखा, इन तथ्‍यों को बताने के बाद अब मैं सामाजिक सुधार के बारे में बात करूंगा. ऐसा करने में मैं जहां तक हो सकता है, श्री बनर्जी का अनुसरण करूंगा. मैं राजनीतिक प्रवृत्ति के हिंदुओं से पूछता हूं जब आप अपने ही देश के अछूतों जैसे एक बहुत बड़े वर्ग को सार्वजनिक स्कूल का प्रयोग नहीं करने देते तो क्या आप राजनीतिक सत्ता के योग्य हैं? जब आप उन्हें सार्वजनिक कुओं का प्रयोग नहीं करने देते तो क्या आप राजनीतिक सत्या की योग्य हैं?

डॉ. बीआर आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) ने आगे लिखा, जब आप उन्हें आम सड़कों का प्रयोग नहीं करने देते तो क्या आप राजनीतिक सत्ता की योग्य हैं? जब आप उन्हें अपनी पसंद के आभूषण और वेशभूषा धारण नहीं करने देते तो क्या आप राजनीतिक सत्ता की योग्य हैं? जब आप उन्हें उनकी पसंद का भोजन नहीं करने देते तो क्या आप राजनीतिक सत्ता की योग्य हैं?

बाबा साहब आगे लिखते हैं, इस तरह मैं इस प्रकार के अनेक प्रश्न पूछ सकता हूं, किंतु यही प्रश्न काफी होंगे. मैं व्‍यग्र हूं यह जानने के लिए कि श्री बनर्जी क्या उत्तर देते हैं. मुझे यकीन है कि कोई भी समझदार व्यक्ति इसका हमें उत्तर देने का साहस नहीं करेगा. प्रत्येक कांग्रेसी को जो श्री मल के इस सिद्धांत को मानता है कि एक देश दूसरे देश पर शासन करने के योग्य नहीं है, यह बात स्वीकार करनी चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर भी शासन करने की योग्य नहीं है.

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