जब डॉक्टरों ने बाबा साहब से “विवाह या असमय मृत्यु” में से कोई एक चुनने को कहा

Dr-BR-Ambedkar-Diabities

दरअसल, यह बात उस वक्‍त की है, जब बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) की पत्नी का निधन हो गया था. बाबा साहब मधुमेह (Diabetes) जैसी गंभीर बीमारी से पीडि़त थे. वह इस वजह से काफी कमजोर भी हो गए थे. इसलिए डॉ. आंबेडकर ने फैसला किया था कि वह दोबारा शादी नहीं करेंगे. हालांकि उनकी बीमारी की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्‍हें सलाह दी कि “या तो आप विवाह कर लीजिए या असमय मृत्यु का वरण कीजिए.”

खुद इसका खुलासा बाबा साहब डॉ. बीआर आंबेडकर अपने सहयोगी भाऊराव को 16 मार्च 1948 में भेजे गए पत्र से हुआ है.

पढ़ें- डॉ. बीआर आंबेडकर और बौद्ध धर्म

इस पत्र में बाबा साहब (Baba Sahab) ने लिखा, “मैं जिस रोग से पीड़ित हूं, अगर यह फिर से हो जाए तो जानलेवा भी हो सकता है. डॉक्टर कहते हैं कि मधुमेह पाचन से संबंधित रोग है, अत: ऐसा कोई होना चाहिए जो मेरे खाने, इंसुलिन देने आदि का ध्यान रखे. यदि ऐसा हो तो इसके फिर से होने की संभवना काफी कम हो जाएगी.

बाबा साहब ने आगे लिखा, यशवंत की माता के देहावसान के पश्चात मैंने यह तय किया था कि विवाह नहीं करूंगा, लेकिन परिस्थितियां मुझ पर पुनर्विचार का दबाव डाल रही हैं. चिकित्सकों का कहना है कि मुझे विवाह और असमय मृत्यु दोनों में से एक का वरण करना है.

ये भी पढ़ें-

डॉ. आंबेडकर ने आगे लिखा, जैसा कि इच्छा करना तो आसान है, किंतु पत्नी खोजना असंभव तो नहीं पर मुश्किल अवश्य है. एक स्त्री जो मेरी पत्नी बन सके उसका शिक्षित होना, चिकित्सा कुशल होना तथा पाक कला प्रवीण होना बहुत आवश्यक है. हमारे समुदाय में तो ऐसी स्त्री मिलना असंभव है. जिसमें इन तीनों योग्यताओं का सम्मिलन हो और वह मेरी आयु के अनुकूल भी हो. अपने समुदाय के बाहर ऐसी स्त्री को खोज पाना जो मुझसे विवाह कर सके और भी असंभव लगता है, इसका एक सीधा सा कारण है, मेरे संपर्क नहीं हैं. मेरा जीवन इतना एकांतिक रहा है कि मेरा सवर्ण पुरुषों से ही संपर्क नहीं रहा, तो उससे भी कम सवर्ण महिलाओं से रहा. सौभाग्य से मैं एक को खोजने में समर्थ रहा. वह सरास्वत ब्राह्मण समुदाय से है.”

ब्‍लॉग-

साभार- up80.online

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कांशीराम के अनमोल विचार… संयुक्‍त राष्‍ट्र में ‘दलित छात्रा’ ने बढ़ाया ‘भारत का मान’ शूरवीर तिलका मांझी, जो ‘जबरा पहाड़िया’ पुकारे गए खुशखबरी: हर जिले में किसान जीत सकते हैं ट्रैक्‍टर जब कानपुर रेलवे स्‍टेशन पर वाल्‍मीकि नेताओं ने किया Dr. BR Ambedkar का विरोध सुभाष चंद्र बोस और डॉ. बीआर आंबेडकर की मुलाकात Dr. Ambedkar Degrees : डॉ. आंबेडकर के पास कौन-कौन सी डिग्रियां थीं ‘धनंजय कीर’, जिन्होंने लिखी Dr. BR Ambedkar की सबसे मशहूर जीवनी कांशीराम के अनमोल विचार व कथन जो आपको पढ़ने चाहिए जब पहली बार कांशीराम ने संसद में प्रवेश किया, हर कोई सीट से खड़ा हो गया डॉ. आंबेडकर के पास थीं 35000 किताबें…