नई दिल्ली. दिल्ली सरकार (Delhi Government) के स्कूलों में पढ़ने वाली 12वीं की दलित छात्राओं (Dalit Girl Students) को अब सरकारी खर्चे पर राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (National Eligibility Entrance Test ) की तैयारियों के लिए फ्री ऑनलाइन कोचिंग (Free online Coaching) दी जाएगी. दिल्ली सरकार ने इस संबंध में हरियाणा (Haryana) और हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) के साथ मिलकर मेडिकल छात्रों को कोचिंग देने वाली संस्था के साथ समझौता किया है.
दरअसल, चिकित्सा स्नातक के पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने की इच्छुक छात्राओं के लिए यह फ्री कोचिंग की व्यवस्था की जा रही है. लेकिन यह कोचिंग व्यवस्था सिर्फ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कैटेगरी (SC/ST Category) की छात्राओं के लिए ही की जा रही है. इस कोचिंग में एंट्री पाने से पहले दलित छात्राओं (Dalit Girl Students) को एक एप्टीट्यूट टेस्ट (Aptitude test) को भी क्लीयर करना होगा. इसके बाद ही इनकी फ्री कोचिंग के लिए एन्रोलमेंट हो सकेगी.
शिक्षा निदेशालय की अतिरिक्त शिक्षा निदेशक (परीक्षा) रीता शर्मा की ओर से इस संबंध में एक सर्कुलर जारी कर दिया गया है. शिक्षा निदेशालय की ओर से एप्टीट्यूट टेस्ट लेने के लिए दिल्लीभर में 12 सेंटर्स का चयन किया है जहां पर छात्र यह टेस्ट दे सकेंगे. हर डिस्ट्रिक्ट में एक सेंटर बनाया गया है जहां पर यह टेस्ट आयोजित किए जाएंगे.
इसकी पूरी जिम्मेदारी क्षेत्रीय जिला शिक्षा अधिकारी, नोडल अफसर और स्कूल के विभागाध्यक्ष को सौंपी गई है जोकि इससे जुड़ी सभी प्रक्रिया को पूरा करने का काम करेंगे. इतना ही नहीं सेंटर्स पर लाने ले जाने की जिम्मेदारी भी स्कूल एचओडी को सौंपी गई है जो कि इसका पूरा खर्च वहने करेंगे. यह ट्रांसपोर्टेशन का खर्च पीडब्लूएफ/एसएमसी फंड से वहन किया जाएगा. ट्रांसपोर्टेशन के दौरान कोविड-19 के उचित व्यवहार का अनुपालन करना अनिवार्य होगा.
बताया जाता है कि दिल्ली सरकार ( Delhi Government) की ओर से नीट एग्जाम (NEET Exam) के लिए कोचिंग दिलाने का काम जिस संस्था को सौंपा गया है वह पहले से ही हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में छात्रों को नीट एग्जाक की कोचिंग दिलाने का काम कर रही है. गैर लाभकारी संस्था अवंती (Avanti) इस दिशा में पिछले 11 साल से कार्य कर रही है. दिल्ली सरकार ने अब अपने स्कूलों में उन सभी छात्रों जोकि एससी/एसटी कैटेगरी से संबंधित हैं, उनको फ्री कोचिंग दिलाने की व्यवस्था की है.
यह सभी व्यवस्था सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं के लिए विशेष तौर पर की जा रही है. सरकार ने इसके लिए सभी जिलों में बनाए गए एप्टीट्यूट सेंटर्स में सीट भी निर्धारित की हैं. इन सीटों के आधार पर ही कोचिंग लेने वाले छात्रों का फाइनल चयन किया जाएगा. इसके लिए इच्छुक छात्रों के माता-पिता से भी सहमति लेना अनिवार्य किया गया है.
नीट परीक्षा में सिर्फ वो ही छात्राएं शामिल होंगी जोकि 12वीं कक्षा में फिजिक्स, कैमेस्ट्री और बॉयोलॉजी विषय के साथ पढ़ाई कर रही हैं. एप्टीट्यूट टेस्ट की तारीक्ष 8 अक्टूबर निर्धारित की गई है जोकि सुबह दस बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित किया जाएगा. हर जिले के एक स्कूल में बनाए गए टेस्ट सेंटर पर छात्राओं को सुबह 9.30 बजे पहुंचना अनिवार्य होगा. इस एप्टीट्यूट टेस्ट में शॉर्ट लिस्टेड की गई छात्राओं को ही फ्री ऑनलाइन कोचिंग के लिए एन्रोलमेंट किया जाएगा. नीट एग्जाम की ऑनलाइन कोचिंग सभी सब्जेक्ट के लिए दी जाएगी.
दिल्ली सरकार की ओर से शुरू की जा रही यह शुरूआत पायलेट प्रोजेक्ट के तहत की जा रही है. सरकार की मंशा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 12वीं कक्षा की पीसीबी की छात्राओं को फ्री कोचिंग दी जाए जिससे कि यह आर्थिक व सामाजिक तौर कमजोर होने की वजह से पीछे नहीं रह जाएं.
शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी एचओडी को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि एप्टीट्यूट टेस्ट लेने से पहले वह 12वीं कक्षा के पीसीबी की छात्राओं के लिए पैरेंट्स से अनापत्ति प्रमाण-पत्र भी ले लें. वहीं एचओडी को यह भी निर्देश दिए हैं कि वह इन सभी छात्राओं की पूरी लिस्ट लैटरहेड पर स्टूडेंट एन्रोलमेंट आईडी, छात्रा का नाम, पैरेंट्स का नाम आदि के साथ तैयार करेंगे.
निदेशालय की ओर से जिन स्कूलों को एप्टीट्यूट टेस्ट के लिए तैयार किया गया उनमें सबसे ज्यादा छात्र नॉर्थ ईस्ट के यमुना विहार, ब्लॉक सी, नं. 1-सर्वोदय कन्या विद्यालय में 179 और ईस्ट दिल्ली के न्यू कोंडली-जीजीएसएसएस में 108 होंगे. बाकी सभी सेंटर्स में कुल कितने छात्रों की व्यवस्था की गई है नीचे लिस्ट में पूरा ब्यौरा देखा जा सकता है:-
इस सभी लिस्ट और छात्रों की संख्या के मुताबिक स्कूल सेंटर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वह इनके तहत पर्याप्त सीटिंग की व्यवस्था करें. वहीं, इसके लिए पर्याप्त संख्या के हिसाब से ही संबंधित संस्था अवंती के साथ मिलकर निरीक्षकों की व्यवस्था करें. वहीं, पूरी प्रक्रिया के दौरान कोविड के उचित व्यवहार को अनुपालन करने का सख्ती के साथ निरीक्षण भी किया जाए.