नई दिल्ली : तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कोयंबटूर जिले (Coimbatore district) के ओटेरपलायम अन्नूर गांव के प्रशासनिक कार्यालय (Otterpalayam Annur village administrative office) में काम करने वाले दलित कर्मचारी (Dalit Employee) ने आरोप लगाया है कि उसे शुक्रवार को एक व्यक्ति के चरणों में गिरने के लिए मजबूर होना पड़ा. यही नहीं, उसके द्वारा मौखिक बहस के दौरान जातिसूचक गालियां भी दी गई थीं.
News18 ने द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के हवाले से बताया, गौंडर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले गोपीनाथन उर्फगोपालस्वामी (42) शुक्रवार को जमीन का पट्टा लेने के लिए ग्राम प्रशासनिक अधिकारी (वीएओ) कार्यालय आया था. चूंकि कथित तौर पर उसके पास कार्यालय में जमा करने के लिए कोई आवश्यक दस्तावेज नहीं थे, इसलिए कलाइसेल्वी नाम की एक महिला अधिकारी ने उनसे पट्टा प्राप्त करने के लिए आवश्यक कागजात लाने को कहा.
हालांकि, गोपीनाथन ने अनिवार्य दस्तावेज लाने से इनकार कर दिया और कथित तौर पर महिला अधिकारी के साथ उनकी बहस हो गई. इसी बीच, कार्यालय में सहायक के रूप में काम करने वाले दलित व्यक्ति (Dalit Employee) मुथुसामी (56) पहुंचे और गोपीनाथन से महिला अधिकारी के साथ सभ्य तरीके से बात करने का अनुरोध किया, लेकिन, मामले को शांतिपूर्वक सुलझाने के बजाय, गोपीनाथन ने कथित तौर पर मुथुसामी के साथ भी अभद्र व्यवहार किया.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में, मुथुसामी को कथित तौर पर रोते हुए और गोपीनाथन के चरणों में गिरते हुए देखा जा सकता है, जबकि कार्यालय में उनके अन्य कर्मचारी मुथुसामी को फर्श से उठा रहे थे. वायरल वीडियो में मुथुसामी रोते हुए हाथों से सिर पीटते नजर आ रहे थे.
फोन पर मीडिया से बात करते हुए, जिसका ऑडियो भी अब वायरल होने की बात कही जा रही है, द न्यूज मिनट ने मुथुस्वामी के हवाले से कहा कि गोपीनाथन ने अपने “नेटवर्क” का उपयोग करके उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दी थी और गालियां भी दी थीं.
मुथुस्वामी से जब द न्यूज मिनट्स ने पूछा कि वे किसी के पैरों में क्यों गिरे तो उन्होंने कहा कि “बिना किसी दस्तावेज के गोपीनाथन ने पट्टा मांगना शुरू कर दिया और वीएओ के साथ बदतमीजी कर रहा था. ऐसी जातिगत गालियां पहली बार नहीं हैं; मैंने कृषि क्षेत्र में काम करते हुए कई बार जातिसूचक गालियां सुनी हैं. मैं हमेशा से ऐसा ही रहा हूं, ‘उच्च जाति’ के किसी व्यक्ति को देखकर मैं विनम्र हो जाता हूं. मैं क्या कर सकता हूं, एक दलित (Dalit) के रूप में पैदा हुआ, मेरे पास कोई विकल्प नहीं है.”
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना ने विरोध और आक्रोश पैदा कर दिया है, जिसके बाद कोयंबटूर के जिला कलेक्टर जीएस समीरन ने जिला राजस्व अधिकारी (डीआरओ) लीला एलेक्स की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित करने का आदेश दिया है.
इस बीच, कोयंबटूर के पुलिस अधीक्षक सेल्वा नागरत्नम ने भी वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर घटना की जांच के आदेश दिए हैं.