Constitution of India

So much devotion hero worship in Indian politics Dr BR Ambedkar Constituent Assembly speech 25 November 1949

राजनीति में नायक पूजा अंत में तानाशाही की ओर ले जाएगी…. डॉ. बीआर आंबेडकर

last and historic long speech given by Dr. Babasaheb Ambedkar in the Constituent Assembly of India on 25 November 1949 : 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा दिए आखिरी व ऐतिहासिक लंबे भाषण के कुछ अंश..

according to dr. BR ambedkar what are the limits to gratefulness

Dr. Bhimrao Ambedkar : डॉ. बीआर आंबेडकर की नजर में कृतज्ञता की सीमा क्या है?

संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर (Constitution maker Babasaheb Dr. Bhimrao Ambedkar) के प्रमुख सुझावों में अपनी पहली चेतावनी में यह सुझाव दिया था कि यदि हमें अपने सामाजिक और आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करना है तो संवैधानिक तरीकों पर तेजी से अपनी पकड़ बनानी होगी.

Parliament Winter Session BJP MP KJ Alphons introduced private bill to change word socialism in constitution

संविधान में समाजवाद शब्‍द इस BJP सांसद को है नामंजूर, हटवाने को पेश किया प्राइवेट बिल, हुआ विरोध

भाजपा सांसद K J Alphons ने बिल में प्रस्‍तावित किया कि संविधान की प्रस्तावना (Preamble to the Constitution) में वर्णित ‘समाजवाद’ (Samajvad) शब्द को हटाकर उसकी जगह ‘न्यायसंगत’ शब्द किया जाए.

Dr BR Ambedkar said People will recognize their Fundamental Rights and know what Indian Constitution means to them

लोग अपने मूल अधिकार पहचानेंगे और जानेंगे कि संविधान उनके लिए क्या मायने रखता है: डॉ. बीआर आंबेडकर

संवाददाताओं ने Dr. Ambedkar से भारतीय संविधान (Indian Constitution) , लोकतंत्र, अस्पृश्यता आदि के बारे में कुछ प्रश्न किए थे.

कांशीराम के अनमोल विचार… संयुक्‍त राष्‍ट्र में ‘दलित छात्रा’ ने बढ़ाया ‘भारत का मान’ शूरवीर तिलका मांझी, जो ‘जबरा पहाड़िया’ पुकारे गए खुशखबरी: हर जिले में किसान जीत सकते हैं ट्रैक्‍टर जब कानपुर रेलवे स्‍टेशन पर वाल्‍मीकि नेताओं ने किया Dr. BR Ambedkar का विरोध सुभाष चंद्र बोस और डॉ. बीआर आंबेडकर की मुलाकात Dr. Ambedkar Degrees : डॉ. आंबेडकर के पास कौन-कौन सी डिग्रियां थीं ‘धनंजय कीर’, जिन्होंने लिखी Dr. BR Ambedkar की सबसे मशहूर जीवनी कांशीराम के अनमोल विचार व कथन जो आपको पढ़ने चाहिए जब पहली बार कांशीराम ने संसद में प्रवेश किया, हर कोई सीट से खड़ा हो गया डॉ. आंबेडकर के पास थीं 35000 किताबें…