शीर्ष अदालत (Supreme Court) के पहले के फैसलों का जिक्र करते हुए, न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता पंजाब (Punjab) का स्थायी निवासी है और वह राजस्थान में अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) के सदस्य होने के लाभ का दावा नहीं कर सकता है, जोकि मूल आवंटी को अनुसूचित जाति भूमिहीन व्यक्ति के रूप में दी गई थी.