लखनऊ : (UP Deoria Dalit Youth Beaten to Death) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में किस कदर आज भी निचली जाति के लोगों का जातिगत उत्पीड़न (Caste Oppression) हो रहा है, इसका सहज अंदाजा देविरया (Deoria) जिले में सामने आई इस घटना से पता चलता है. यहां महज एक दलित (Dalit) की बाइक से दबंगों को टक्कर लग जाने पर दलित युवकी लाठी डंडों से इतनी बुरी तरह पिटाई की उसी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. गंभीर बात यह है कि मारपीट में बीचबचाव करने आए युवक के बूढें मां बाप को भी इन दंबगों ने बुरी तरह मारा पीटा. इस ईंट-भट्ठे पर मजदूरी का करने वाले इस दलित युवक के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 को एफआईआर में जोड़ दिया.
जानकारी के अनुसार, ईंट-भट्ठे पर काम करने वाला केतन किसी काम के लिए निकला था. थोड़ी दूर पर गांव के ही कि बुजुर्ग उग्रसेन यादव को उसकी बाइक से महज ठोकर लग गई. इससे उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया. हादसे के बाद युवक उस ईंट-भट्ठे पर आ पहुंचा. थोड़ी देर बाद गांव के दबंग युवक लाठी-डंडे से लैस होकर ईंट-भट्ठे पर आ पहुंचे और उसकी बुरी तरह पिटाई की. पिटाई से वह बेहोश होकर गिर पड़ा. इस दौरान बीच-बचाव करने आए युव के मां-बाप को भी पीटा गया और वहां से निकल गए.
सूचना के बाद डायल 112 मौके पर पहुंची और घायल दलित युवक को भलुअनी सीएचसी (Bhaluani CHC) ले जाया गया. यहां से उसे महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज (Maharishi Deoraha Baba Medical College) इमरजेंसी ले जाया गया. उसी हालत को गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने उसे गोरखपुर मेडिकल कॉलेज (Gorakhpur Medical College) रेफर कर दिया.
इलाज के दौरान 16 जनवरी की रात में घायल युवक की मौत हो गई. 17 जनवरी को पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचा तो गांव का माहौल गम में डूब गया. मदनपुर पुलिस (Madanpur Police) मौके पर पहुंची और शव का अंतिम संस्कार कराया.
इस मामले में पहले पीड़री गांव के आरोपी गुजेसर यादव, रामहंस यादव, शैलेश यादव, श्रीराम यादव, रामप्रवेश यादव और राजू यादव के खिलाफ 307 और एससी-एसटी एक्ट (SC/ST Act) के तहत केस दर्ज किया था, लेकिन 16 जनवरी की रात इलाज के दौरान युवकी की मौत हो गई. इसके बाद आरोपियों के पर आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज कर लिया गया. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है. (UP Deoria Dalit)