नई दिल्ली. भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (Bhim rao Ambedkar) की यह दूरदर्शिता ही थी कि उन्होंने देश के लिए एक ऐसा संविधान तैयार किया जो देश में रहने वाले सभी जाति और धर्म के लोगों की रक्षा करे और उन्हें समानता का अधिकार मिल सके. यह उनकी दूरदर्शिता ही थी कि वो अपने द्वारा लिए गए फैसले और उससे होने वाले परिणामों के बारे में पहले से ही जानते थे.
बाबा साहेब आंबेडकर के विचार जितने महान थे, सोच उससे भी ज्यादा महान थी. उनके महान विचारों में जीवन जीने की कला छुपी हुई है, जिससे हम सभी प्रेरणा ले सकते हैं.
बाबा साहेब आंबेडकर ने अनमोल विचार…
– एक विचार को भी प्रसार की आवश्यकता होती है जितनी की पौधे को पानी की आवश्यकता होती है. नहीं तो दोनों मुरझा जाएंगे और मर जाएंगे.
– इस दुनिया में महान प्रयास से बहुमूल्य कुछ भी नहीं है.
– अगर मेरे को लगेगा कि मेरे द्वारा बनाये संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है तो सबसे पहले मैं इसे जलाऊंगा.
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– जो धर्म जन्म से किसी को श्रेष्ठ और किसी को नीच बताएं. वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड्यंत्र हैं.
– देश के विकास से पहले अपने बुद्धि के विकास की जरूरत है.
एक नजर में….
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