Delhi Cantt दलित बच्‍ची से गैंगरेप, हत्‍या केस: क्या कहती है दिल्‍ली पुलिस की चार्जशीट? पढ़ें पूरी जानकारी

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नई दिल्‍ली : दिल्ली कैंट (Delhi Cantt) के पुरानी नांगल गांव (Old Nangal Viilage) में 9 साल की दलित बच्‍ची के साथ हुए कथित गैंगरेप, हत्‍या (9 year Old Dalit Girl Gang Rape and Murder Case) और बिना रजामंदी शव को जलाने के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने शनिवार को चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी. 400 पन्नों की इस चार्जशीट में दिल्‍ली पुलिस ने इन चारों आरोपियों पर IPC की विभिन्न धाराएं, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) और अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Act) के तहत आरोप लगाए हैं.

31 अगस्‍त को कोर्ट लेगी चार्जशीट पर संज्ञान
यह आरोप पत्र ड्यूटी मजिस्‍ट्रेट मनु श्री के समक्ष दायर की गई, जिस पर संबंधित अदालत में विचार के लिए 31 अगस्त की तारीख तय की गई है. मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा की जाएगी.

आरोप पत्र में SIT की रिपोर्ट भी शामिल
इस अंतिम रिपोर्ट में विशेष जांच दल की एक रिपोर्ट भी शामिल की गई है, जिसे अपराध शाखा द्वारा त्वरित और पेशेवर जांच के लिए गठित किया गया था.

दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) को मामला दर्ज कर 30 दिनों के भीतर त्वरित जांच करने और चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया था. दिल्ली छावनी क्षेत्र के पुरानी नांगल गांव में नौ वर्षीय दलित पीड़िता (9 year Old Dalit Girl Rape) के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार, हत्या और जबरन अंतिम संस्कार करने के एक दिन बाद 2 अगस्त को मामला दर्ज किया गया था.

क्या कहती है दिल्‍ली पुसिल की चार्जशीट?
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा (Delhi Police Crime Branch) द्वारा दायर 400 पन्नों की रिपोर्ट में श्मशान घाट के पुजारी 55 वर्षीय राधेश्याम और अन्य कर्मचारियों -कुलदीप सिंह, सलीम अहमद और लक्ष्मी नारायण को आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में दावा किया गया है कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.

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चार्जशीट में इन धाराओं के तहत लगाए गए आरोप
आरोपियों पर IPC की धारा 302 (हत्या), 304 (गैर इरादतन हत्या), 376 डी (सामूहिक बलात्कार), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (सबूत नष्ट करना) और 34 (एक इरादे से किया गया अपराध) के तहत आरोप लगाए गए हैं.

चारों के खिलाफ पोक्सो एक्ट (POCSO Act) की धारा 6 (एग्रेटेड पेनेट्रेटिव सेक्शुअल असॉल्ट) और एससी/एसटी एक्ट (SC/ST ACT) की धारा 3 (अत्याचार के अपराध) के तहत भी चार्जशीट दाखिल की गई है.

दिल्ली पुलिस की जांच
दिल्ली पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करने से पहले गवाहों की गवाही दर्ज करने के अलावा वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्य एकत्र किए.

रोहिणी की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के साथ-साथ जीव विज्ञान और ओडोन्टोलॉजी पर दिल्ली पुलिस के फोरेंसिक विशेषज्ञों से सहायता ली गई. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक भी साथ रहे. कथित जबरन दाह संस्कार के परिणामस्वरूप पोस्टमार्टम करने में बाधाओं के कारण साक्ष्य एकत्र करने के इन वैकल्पिक तरीकों को नियोजित करना पड़ा. चारों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

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