कोलकाता. विधानसभा चुनावों के बाद बंगाल (Violence in West Bengal) में हुई हिंसा पर हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है. कलकत्ता हाईकोर्ट (Kolkata High court) ने मंगलवार को चुनाव बाद हिंसा को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि हिंसा में पीड़ित व्यक्ति राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग अथवा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि पीड़ित दलित व्यक्ति से शिकायत मिलने के बाद आयोग को अविलंब राज्य पुलिस के महानिदेशक के पास अग्रसारित करना होगा. इस मामले में अगली सुनवाई 25 मई को होगी. राज्य सरकार की ओर से गत 10 मई को अदालत को सूचित किया गया था कि नौ मई बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की घटना नहीं हुई है.
बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप
बता दें कि दो मई को नतीजों की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर हिंसा हुई थी, जिसके बाद भाजपा और टीएमसी एक दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा रहे हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को इस हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है.