उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) में जातिगत भेदभाव की एक दुखद घटना सामने आई है, जोकि आज भी समाज में दलितों (Dalit) की स्थिति को बयां करती है. इस घटना के अंतर्गत आगरा के अछनेरा तहसील के रायभा गांव में एक दलित महिला का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया गया. बताया जा रहा है कि जब दलित महिला का अंतिम संस्कार किया जा रहा था तो गांव के ऊंची जाति के लोगों ने कथित रूप से शव को चिता से उतरवा दिया.
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस भी इस मामले को सुलझा नहीं पाई. इसके बाद महिला के पार्थिव शरीर का अन्यत्र अंतिम संस्कार किया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, महिला नट जाति से संबंध रखती थीं. उसकी बीते सोमवार को बीमारी से मौत हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने गांव के श्मशान घाट पर उसकी चिता तैयार की और जैसे ही चिता पर पार्थिव शरीर को अग्नि दी गई तो गांव के उच्च जाति के लोगों ने आकर उन्हें रोक दिया.
बात केवल यहीं तक नहीं रूकी. ऊंची जाति के लोगों ने पार्थिव शरीर को चिता से भी उतरवा दिया. मामला थाना अछनेरा पुलिस तक पहुंचा. क्षेत्राधिकारी और थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे, लेकिन मामला हल नहीं हो सका. इसके बाद जलती चिता से शव को हटाकर अन्यत्र अंतिम संस्कार कराया गया.
रिपोर्ट में बताया गया है कि मृत महिला का 6 साल का मासूम बच्चा इस घटना को देख यह ढंग से भी नहीं समझ पा रहा था कि उसकी मां अब कभी नहीं उठेगी. वह अपने दादा के साथ हाथ में आग लेकर अपनी मां की चिता का चक्कर लगा रहा था और उन्हें मुखाग्नि दे रहा था, लेकिन दबंगों ने उन पर कोई रहम नहीं दिखाया और उनके हाथ से आग छीन ली और चिता को जलने से रोक दिया.
मामला मीडिया में आने के बाद एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि मामले की जांच सीओ अछनेरा को सौंपी गई है. दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी.
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