नई दिल्ली : दक्षिण पश्चिम दिल्ली के कैंट इलाके में स्थित नांगल गांव (Nangal Village) में दलित बच्ची (Dalit Girl) से गैंगरेप, संदिग्ध मौत और बिना रजामंदी लाश जलाए जाने के मामले पर आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के प्रवक्ता सूरज कुमार बौद्ध (Suraj Kumar Bauddh) ने करूणा भरी एक कविता लिखी है. कविता का शीर्षक है ‘बेक़द्र अछूत बहन’. इस कविता में जहां जातिवादी सामाजिक व्यवस्था (Casteist Social System) पर गहरी चोट की गई है, वहीं उन नारीवादी संगठनों पर भी प्रहार है, जो ‘दलित बच्ची’ के साथ हुई इस घटना पर चुप्पी साधे बैठे हैं.
कविता इस जघन्य कांड में चुप बड़े ‘कॉपार्रेट मीडिया’ पर भी सवाल उठाती है, जिनके कैमरे और कलम शांत हैं और केस में उनकी कवरेज नदारद है.
इस कविता की यह पंक्तियां कीं ‘सब शांत हैं, कहीं कोई शोर नहीं, बोलेंगे तो धर्म नष्ट हो जाएगा, लड़ेंगे तो देवता नाराज हो जाएंगे, आप जानते हैं क्यों? क्योंकि अपराधी उनके अपने हैं’, अपने आप में काफी कुछ कह जाती है. यह पंक्तियां बताती हैं कि ब्राह्मणवादी संगठनों का रुंदन इस मामले पर इसलिए शांति है, क्योंकि वह जानते हैं कि केस के आरोपी कौन हैं.
Delhi Cantt Dalit Girl Rape & Murder Case की सभी खबरें यहां क्लिक कर पढ़ें…
फिर एक बेटी मर गई।
नहीं नहीं नहीं…
फिर एक बेटी मार दी गई,
हवस बुझाकर मार दी गई,
जलाकर मार दी गई।
कातिल कोई और नहीं
वही जातीय आतंकी हैं
जो हमारी बहन बेटियों पर
जातीय गुमान दिखाते हैं।
अब नहीं करेंगे शक्ति प्रदर्शन,
तमाम नारीवादी व उनके संगठन।
न महिला आयोग चुप्पी तोड़ेगी,
न अब मीडिया ट्रायल शुरू करेगी।
गली गली से मोमबत्तियां
अब नहीं निकाली जाएंगी,
अब सिविल सोसाइटी वाले
कहीं नजर नहीं आएंगे,
प्रगतिशील झुंड लापता हैं,
अदालतें स्वतः संज्ञान नहीं लेंगी।
सब शांत हैं। कहीं कोई शोर नहीं।
बोलेंगे तो धर्म नष्ट हो जाएगा,
लड़ेंगे तो देवता नाराज हो जाएंगे।
आप जानते हैं क्यों?
क्योंकि अपराधी उनके अपने हैं।
और पीड़िता बेक़द्र अछूत बहन!
लड़ती हुई, जलती हुई, मरती हुई।
– सूरज कुमार बौद्ध (Suraj Kumar Bauddh)