दलित बस्ती में आग से लाखों का नुकसान,मकान खाक; पशु झुलसे

UP Police

रतनपुरा. उत्तर प्रदेश के रतनपुरा ब्लॉक में एक दलित बस्ती में आग (Fire in Dalit Basti) लगने का मामला सामने आया है. आग लगने से कई मकान खाक हो गए हैं. इसके साथ ही कई पशुओं के झुलसने की जानकारी भी सामने आई है. लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक यह लाख लखनी मुबारक स्थित दलित बस्ती में एक छप्पर में देर रात आग लगी. आग लगने के बाद झप्पर के नीचे रहने वाले लोग बाहर आ गए और जोर-जोर से चिल्लाने लगे.

देर रात को शोर सुनकर आसपास के लोग बाहर आए. जिसके बाद बड़ी मुश्किल से उन्होंने आग पर काबू पाया. इस घटना में तीन गाय और 4 बकरियां झुलस गई.

आग लगने से घर में हजारों का सामान बर्बाद
रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना में गृहस्थी का रोजाना इस्तेमाल होने वाला हजारों रूपये का सामान जलकर खाक हो गया. हालांकि राहत की बात ये है कि इस पूरे घटनाक्रम में किसी तरह से व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचा है.

ये भी पढ़ेंः- ‘तू एससी है, अपनी हद में रह, काली बिल्ली की तरह मेरा रास्ता मत काट’- एम्‍स डॉक्‍टर की आपबीती

किन कारणों से लगी आग?
ग्रामीणों का कहना है कि लोगों के चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हुए और आग पर काबू पाने का प्रयास किया. गांव के नौजवानों ने बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. वहीं छप्पर में बंधी तीन गाये तथा चार बकरियां झुलस गई. ग्रामीणों की जानकारी के बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का दौरा किया. आग किन कारणों से लगी इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि यह आग घर में चूल्हा या फिर लालटेन के जले रहने से हुई होगी.

एक नजर में…

रमेश मीणा बोले- विधानसभा में SC-ST अल्पसंख्यक विधायकों-मंत्रियों के साथ हो रहा है भेदभाव

असमानता, सामाजिक भेदभाव… क्यों बौद्ध धर्म अपना रहे हैं दलित?

 बाबा साहब डॉ.भीमराव आंबेडकर ने किस आंदोलन से ऊर्जा ग्रहण कर महाड़ आंदोलन शुरू किया…

 इस राज्य में बैन है सरकारी दस्तावेजों पर ‘दलित’ शब्द का प्रयोग, हरिजन प्रयोग पर भी मनाही

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कांशीराम के अनमोल विचार… संयुक्‍त राष्‍ट्र में ‘दलित छात्रा’ ने बढ़ाया ‘भारत का मान’ शूरवीर तिलका मांझी, जो ‘जबरा पहाड़िया’ पुकारे गए खुशखबरी: हर जिले में किसान जीत सकते हैं ट्रैक्‍टर जब कानपुर रेलवे स्‍टेशन पर वाल्‍मीकि नेताओं ने किया Dr. BR Ambedkar का विरोध सुभाष चंद्र बोस और डॉ. बीआर आंबेडकर की मुलाकात Dr. Ambedkar Degrees : डॉ. आंबेडकर के पास कौन-कौन सी डिग्रियां थीं ‘धनंजय कीर’, जिन्होंने लिखी Dr. BR Ambedkar की सबसे मशहूर जीवनी कांशीराम के अनमोल विचार व कथन जो आपको पढ़ने चाहिए जब पहली बार कांशीराम ने संसद में प्रवेश किया, हर कोई सीट से खड़ा हो गया डॉ. आंबेडकर के पास थीं 35000 किताबें…