नई दिल्ली. राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री रमेश मीणा (Ramesh Meena) ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. सदन के बाहर निकलने के बाद रमेश मीणा ने कहा कि अंदर बैठके की व्यवस्था को लेकर भेदभाव हो रहा है. रमेश मीणा ने कहा, ‘सदन के भीतर SC-ST और माइनोरिटी से जुड़े विधायकों को जानबूझकर (Discriminated Against SC ST Minority MLAs Ministers) बिना माइक वाली सीटें दी गई हैं.’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उनकी आवाज को दबाया जा रहा है.
रमेश मीणा ने कहा- SC-ST और माइनोरिटी के कांग्रेस में 50 विधायक हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सदन में बैठने की व्यवस्था की गई है, उसमें दलित वर्ग के मंत्री टीकाराम जूली और भजनलाल जाटव को बिना माइक की सीट दी गई है. रमेश मीणा ने कहा, मेरे अलावा ST विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अल्पंसख्यक विधायक अमीन खान और दानिश अबरार को बिना माइक वाली सीट दी गई हैं.
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#Rajasthan में @ashokgehlot51 @INCIndia के राज में दलित विधायकों/मंत्रियों को सदन में बोलने तक की आज़ादी नहीं है. उन्हें जानकर ऐसी सीटों पर बैठाया गया है, जहां माइक की व्यवस्था ही नहीं. MLA @rameshmeena63 की ज़ुबानी सुनिए SC-ST विधायकों का दर्द. @INCSCDept @RahulGandhi कुछ कीजिए https://t.co/7b8jC7We66
— Dalit Awaaz (@IDalitAwaaz) March 11, 2021
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मंत्री को जवाब देने के लिए जाना होता है दूसरी जगह
रमेश मीणा ने दावा किया जूली और जाटव राज्य सरकार में मंत्री हैं, उन्हें भी बिना माइक की सीट दी गई है. सदन में उन्हें सवालों के जवाब देने के लिए दूसरी जगह जाना पड़ता है. अमीन खान बुजुर्ग हैं उन्हें पीछे जाने में दिक्कत होती है. मुख्य सचेतक को अवगत करवाने के बावजूद कोई सुधार नहीं किया गया.