कोरोना वायरस महामारी (Covid 19) के संकट के बीच आरक्षण (Reservation) से छेड़छाड़ की कोशिश की बात कहने वाले बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखा है. श्याम रजक अखिल भारतीय धोबी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और नीतीश कुमार सरकार में उद्योग मंत्री.
बीते सोमवार को पीएम मोदी को खत लिख उन्होंने फिर अनुरोध किया कि वह आरक्षण की व्यवस्था को अक्षुण्ण रखने के मसले पर आश्वासन से संबंधित बयान दें.
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इसके पहले भी पीएम मोदी को खत लिख कहा था कि कुछ संस्थाएं देश में आरक्षण के साथ छेड़छाड़ की कोशिश कर रही हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार, उद्योग मंत्री श्याम रजक ने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी को दोबारा लिखे पत्र में कहा कि संसद सत्र नहीं चलने की वजह से अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) एवं अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes) के आरक्षण (SC/ST Reservation) विषय को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करना संभव नहीं. प्रधानमंत्री को पहले भी पत्र लिखकर आग्रह गया किया था कि इस बारे में एक वक्तव्य देकर वह इस वर्ग के लोगों के बीच फैली निराशा को दूर करें. प्रधानमंत्री के वक्तव्य से लोग आश्वस्त होंगे.
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श्याक रजक ने कहा कि कोरोना महामारी (Corona Virus) से उत्पन्न हालातों में यह सवाल उठाना उचित नहीं लग रहा, लेकिन आरक्षण के अस्तित्व पर उठा यह सवाल भविष्य में अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों पर कोरोना वायरस से भी बड़ा संकट ला देगा.
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उन्होंने कहा कि सदियों से महादलित के रूप में रहने के लिए मजबूर जातियां समाज की मुख्यधारा में आने से वंचित हो जाने की आशंका से ग्रस्त हो गई हैं. लोगों में गुस्सा भी है. ऐसे में लोगों को गुस्से और निराशा से उबारने के लिए आरक्षण की अक्षुण्णता कायम रखने का वचन देना ही एकमात्र रास्ता है. संविधान की मूल भावना को बचाना भी प्रधानमंत्री का दायित्व बनता है.
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बता दें कि श्याम रजक ने बीते 25 अप्रैल को पत्र लिखकर केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया था और कहा था कि कोरोना संकट के बीच आरक्षण से छेड़छाड़ की कोशिश की जा रही है. इसे समाज की तफ से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की थी. साथ ही उन्होंने यह पत्र कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी भेजा था.