Kanshi Ram Thoughts on Elections and BJP: भारतीय चुनावों खासकर बीजेपी को लेकर कांशीराम की क्‍या राय थी… वो इसे कैसी पार्टी मानते थे?

kanshi ram on Elections, kanshi ram Thoughts on Elections, kanshi ram on Indian Elections, kanshi ram on BJP, kanshi ram thoughts on BJP, kanshi ram thoughts on Bhartiya Janta Party, kanshi ram, kanshi ram family, kanshi ram (politician), kanshi ram speech, mayawati kanshi ram, kanshi ram biography, bsp founder kanshi ram, biography of kanshi ram, kanshi ram biography in hindi, kanshi ram birth anniversary, biography of kanshi ram in hindi, kanshi ram wife, kanshi ram news, kanshi ram songs, about kanshi ram, kanshi ram video, kashi ram, kanshi ram jayanti, kanshi ram politics, kanshi ram in telugu, statue of kanshi ram, kanshi ram mayawati, चुनावों पर कांशी राम, चुनावों पर कांशी राम के विचार, भारतीय चुनावों पर कांशी राम, बीजेपी पर कांशी राम, बीजेपी पर कांशी राम के विचार, भारतीय जनता पार्टी पर कांशी राम के विचार, कांशी राम, कांशी राम परिवार, कांशी राम (राजनेता), कांशी राम भाषण, मायावती कांशी राम, कांशी राम की जीवनी, बसपा संस्थापक कांशी राम, कांशी राम की जीवनी, कांशी राम की जीवनी हिंदी में, कांशी राम जयंती, कांशी राम की जीवनी हिंदी में, कांशी राम की पत्नी, कांशी राम समाचार, कांशी राम के गीत , कांशी राम के बारे में, कांशी राम वीडियो, काशी राम, कांशी राम जयंती, कांशी राम राजनीति, तेलुगु में कांशी राम, कांशी राम की मूर्ति, कांशी राम मायावती

Kanshi Ram Thoughts on Elections and BJP : एक प्रभावशाली भारतीय राजनीतिज्ञ और दलित अधिकार कार्यकर्ता कांशी राम की चुनावों पर कई राय थीं. उनका मानना था कि चुनाव दलितों जैसे हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए अपनी राजनीतिक शक्ति का दावा करने और अपनी आवाज उठाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है. उन्होंने परिवर्तन लाने के लिए चुनावी प्रक्रिया में जन लामबंदी और वंचितों की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया.

कांशीराम (Kanshi Ram) ने ऐसे राजनीतिक दलों के गठन की भी वकालत की जो विशेष रूप से उत्पीड़ित वर्गों की जरूरतों और हितों को पूरा करते हों. उन्होंने 1984 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य “बहुजन” या बहुसंख्यक हाशिये पर पड़ी जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के हितों का प्रतिनिधित्व करना था.

चुनावों पर उनके विचार सरकार में अपना प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने और प्रमुख जाति आधिपत्य को चुनौती देने के लिए उत्पीड़ित समुदायों के एक मजबूत और एकजुट मोर्चे की आवश्यकता पर केंद्रित थे. कांशी राम का मानना था कि चुनावों में भाग लेने और अपने राजनीतिक दल बनाने से, हाशिए पर रहने वाले समुदाय सामाजिक और राजनीतिक बहिष्कार के चक्र को तोड़ सकते हैं और अधिक न्यायसंगत समाज की दिशा में काम कर सकते हैं.

Kanshiram Motivational slogans : कांशीराम के वो 5 प्रेरक नारे, जिन्‍होंने राजनीति में भूचाल ला दिया

बहुजन समाज पार्टी (BSP) के संस्थापक कांशीराम का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रति आलोचनात्मक दृष्टिकोण था. उन्होंने भाजपा को एक राजनीतिक दल के रूप में देखा जो मुख्य रूप से उच्च जातियों, विशेष रूप से ब्राह्मणों और बनियों के हितों का प्रतिनिधित्व करता था, और हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा के साथ जुड़ा हुआ था.

Kanshi Ram ke Vichar: डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर कांशीराम के अनमोल विचार व कथन- पार्ट- 5

कांशीराम (Kanshi Ram) का मानना था कि भाजपा की नीतियों और कार्यों ने अक्सर दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य उत्पीड़ित समुदायों को बहिष्कृत और हाशिए पर धकेल दिया है. उन्होंने तर्क दिया कि भाजपा का हिंदू राष्ट्रवाद पर ध्यान केंद्रित करने और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ इसके जुड़ाव ने हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए पार्टी के भीतर अपनेपन और प्रतिनिधित्व की भावना को खोजना मुश्किल बना दिया है.

 पूना जाने के बाद मान्‍यवर कांशीराम की जिंदगी में क्‍या बड़ा बदलाव आया?

कांशीराम का भाजपा विरोध दलित सशक्तीकरण और बहुजन समुदायों के उत्थान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में निहित था. उनका मानना था कि हाशिये पर पड़े लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक राजनीतिक पार्टी के रूप में बसपा को भाजपा और अन्य पार्टियों के खिलाफ खड़ा होना होगा जिन्होंने सामाजिक और राजनीतिक असमानताओं को कायम रखा है.

कार्यकर्ता को चमचा समझने की भूल तो नहीं ही करनी चाहिए : मान्‍यवर कांशीराम

संक्षेप में, कांशी राम ने भाजपा को एक ऐसी पार्टी के रूप में देखा जो मुख्य रूप से उच्च जातियों के हितों को पूरा करती थी और सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों के साथ गठबंधन नहीं करती थी, जिसका उन्होंने समर्थन किया था.

कांशीराम से जुड़े सभी लेख यहां पढ़ें…

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कांशीराम के अनमोल विचार… संयुक्‍त राष्‍ट्र में ‘दलित छात्रा’ ने बढ़ाया ‘भारत का मान’ शूरवीर तिलका मांझी, जो ‘जबरा पहाड़िया’ पुकारे गए खुशखबरी: हर जिले में किसान जीत सकते हैं ट्रैक्‍टर जब कानपुर रेलवे स्‍टेशन पर वाल्‍मीकि नेताओं ने किया Dr. BR Ambedkar का विरोध सुभाष चंद्र बोस और डॉ. बीआर आंबेडकर की मुलाकात Dr. Ambedkar Degrees : डॉ. आंबेडकर के पास कौन-कौन सी डिग्रियां थीं ‘धनंजय कीर’, जिन्होंने लिखी Dr. BR Ambedkar की सबसे मशहूर जीवनी कांशीराम के अनमोल विचार व कथन जो आपको पढ़ने चाहिए जब पहली बार कांशीराम ने संसद में प्रवेश किया, हर कोई सीट से खड़ा हो गया डॉ. आंबेडकर के पास थीं 35000 किताबें…