नई दिल्ली : भीम आर्मी (Bhim Army) के चीफ चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने नांगल गांव (Delhi Nangal Village) में 9 साल की दलित बच्ची (Dalit Girl) के साथ हुई दुखद घटना पर नाराजगी और शोक व्यक्त किया है. मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की लापरवाह कार्यप्रणाली के साथ नाराजगी इस बात पर भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को घटना के 3 दिन तक भी पीडि़त परिवार से मिलने का ख्याल नहीं आया. ख्याल आया भी तो तब जब वह खुद नांगल गांव में आकर बच्ची के मां-बाप से मिले और न्याय के लिए लड़ाई की शुरुआत करने का ऐलान किया.
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केजरीवाल इन समाज के वोटों से बने हैं, तो इनके बीच क्यों नहीं आ रहे
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि ‘अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) कहां हैं, वो दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. वह इन समाज के वोटों से बने हैं तो क्यों इनके बीच में नहीं आकर मदद कर रहे’.
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आधी आबादी अगर दिल्ली में भी सुरक्षित नहीं है तो वो कहां सुरक्षित रहेंगी?
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ‘राजनीति से परे हमें ये सोचना चाहिए कि देश में महिलाएं, आधी आबादी अगर दिल्ली में भी सुरक्षित नहीं है तो वो कहां सुरक्षित रहेंगी? क्या हम उन्हें घर में सात तालों में छिपा दें कि उनके साथ ये घटनाएं ना हों?’
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![Where is Arvind Kejriwal Chandrashekhar Azad questions on Delhi Nangal village Dalit Girl Rape body burnt case](https://dalitawaaz.com/wp-content/uploads/2021/08/Where-is-Arvind-Kejriwal-Chandrashekhar-Azad-questions-on-Delhi-Nangal-village-Dalit-Girl-Rape-body-burnt-case.jpg)
अब हम चले गए हैं तो सब बोलेंगे…
भीम आर्मी चीफ ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि ‘उस घटनास्थल से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास कितनी दूर हैं? हम वहां इसलिए गए कि कोई बोल नहीं रहा था. अब हम चले गए हैं तो सब बोलेंगे? मुख्यमंत्री को भी सुध आ गई होगी कि दलितों को भी देखना है. आज मेरे जाने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ये अहसास हुआ कि ये उनका राज्य है, वो मुख्यमंत्री हैं, उनको वहां जाना चाहिए, अपनी बात रखनी चाहिए और न्याय दिलाना चाहिए. बेटी किसी जाति धर्म की हो, मैं ये मानता हूं कि न्याय मिलना चाहिए.
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कुछ भी नहीं हुआ, शून्य नजर आता है
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई जिन्होंने पीडि़ता की मां बाप को पीटा, लाठीचार्ज किया, जिन्होंने सबूत मिटाने का प्रयास किया, कुछ भी नहीं हुआ, शून्य नजर आता है.