नई दिल्ली : दिल्ली के नांगल गांव (Delhi Nangal Village) में 9 साल की दलित (Dalit) बच्ची के साथ हुए रेप, संदिग्ध मौत एवं परिजनों की बिना सहमति लाश को जला दिए जाने का मामला भीम आर्मी चीफ (Bhim Army Chief) चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) के दिल्ली आने के साथ गरमा गया है. मंगलवार को दिल्ली आकर पीडि़त परिवार से मिले चंद्रशेखर इस घटना के तथ्य पता चलने के बाद काफी नाराज़ हैं और उन्होंने तय कर लिया है कि अब वे बच्ची को न्याय दिलाने की सभी मांगे पूरी होने के बाद ही वापस जाएंगे.
‘घटना की ठोस जांच हो, पीडि़त परिवार को सुरक्षा दी जाए’
उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए यह घोषणा की कि ‘हम दिल्ली में हैं. मैं यहीं हूं. दोबारा बैठेंगे और तब तक बैठेंगे, जब तक मांग पूरी नहीं होगी’. हमारी मांग है कि इस घटना की ठोस जांच हो. सारी जांच एजेंसियां यही हैं. घटना के आरोपियों और साथ ही पुलिसवालों पर भी कार्रवाई हो. पीडि़त परिवार को सुरक्षा दी जाए’. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी टीम इनका लीगल केस लड़ेगी.
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‘समय पर कार्रवाई होती तो यह सब ना होता’
Chandrashekhar Azad ने कहा कि ‘ये दिल्ली है, जहां कानून व्यवस्था के बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार है, जहां देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, सभी केंद्रीय मंत्री, विदेशों के सारे दूतावास और सारी दुनिया का मीडिया यहां रहता है, उस जगह पर यह पहली नहीं, बल्कि तीसरी घटना हुई है. परसों रात में यह घटना घटी. मैं उस मां से मिला, जिसकी बच्ची इस दुनिया से चली गई. वह मुझे देखकर रोते हुए चिल्ला पड़ी कि मेरी बच्ची मुझे लौटा दो. हम कहां से लौटा पाएंगे उस बच्ची को. उस बच्ची के सिर्फ पैर मिले थे. अगर पुलिस अपना काम जिम्मेदारी से नहीं करेंगी तो ऐसी घटनाएं होती रहेंगी. और कल इसकी जद में कौन से धर्म, जाति की बेटी का खून आ जाए, किसी को नहीं पता. अगर समय पर कार्रवाई होती तो यह सब चीजें ना होतीं’.
‘पीडि़त मां-बाप को थाने में बैठाकर रखा गया, मारपीट की गई’
Bhim Army प्रमुख ने कहा कि ‘हमको वहां इसलिए जाना पड़ा, क्योंकि आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई और वहां धरना चल रहा है. आरोपियों पर जो धाराएं लगाई जानी चाहिए थीं, वह भी नहीं लगाई गईं’. साथ ही कहा ‘बच्ची के मां-बाप ने मुझे बताया कि थाने में उन्हें ना केवल बिठाकर रखा गया गया, बल्कि उनके साथ मारपीट भी की गई. ऐसा खुद उन्होंने मुझे बताया और मैंने ज्वॉइंट सीपी से खुद बात की तो मैंने उनसे यही सवाल पूछा. लेकिन अभी तक उनकी कोई सुध नहीं ली गई’.
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‘बच्ची की मौत करंट से होने का बयान देने का दबाव बनाया गया’
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि ‘हमें पीडि़त मां-बाप द्वारा बताया कि हमें पुलिस द्वारा बिठाकर रखा गया और दबाव बनाया गया कि वो बयान जो दें, उसमें कहें कि बच्ची की मौत करंट से हुई है’.
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‘दिल्ली की कानून व्यवस्था और पुलिस कहां है?’
Bhim Army चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि ‘हाथरस और निर्भया की घटना के बाद ऐसी घटनाओं पर संज्ञान तो लिया जाता है, लेकिन देखिये आरोपी कितने सतर्क हो गए हैं कि कृत्य करने के बाद वो पीडि़ता का शव ही जला देते हैं. वो सोचते हैं कि ऐसा करने से सबूत ही मिट जाएंगे. ये दिल्ली में हो रहा है. दिल्ली की कानून व्यवस्था और पुलिस कहां है?
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