16 साल की मासूम से 3 युवकों ने किया गैंगरेप, कुएं में फेंका… और

Gujarat Dalit Gang Rape

जोधपुर. राजस्थान के करौली में एक 16 साल की मासूम के साथ 3 युवकों ने हैवानियत (Minor Girl Gangrape) की घटना को अंजाम दिया. यह घटना 29 मई की बताई जा रही है. बच्ची रोजाना की तरह सुबह 9 बजे जंगल में मवेशियों को चराने के लिए गई थी. देर शाम तक जब वह घर नहीं लौटी तो परिजनों ने तलाश शुरू की. कई घंटे खोजने के बाद अगले दिन सुबह एक कुएं से बच्ची की चिल्लाने की आवाज आई, जिसके बाद परिजनों ने उसे बाहर निकाला.

मासूम ने खुद बताई हैवानियत की पूरी कहानी
कुएं से बाहर आने के बाद बच्ची ने परिजनों को अपने साथ हुई हैवानियत की पूरी कहानी बताते हुए कहा कि उसके साथ 3 लोगों ने दुष्कर्म किया. पीड़ित मासूम ने बताया कि शनिवार को दोपहर गांव के 3 युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. इतना नहीं उन्हीं आरोपियों में से एक ने दूसरी बार फिर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया और कुएं में फेंककर चले गए.

तीनों आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
बच्ची के परिजनों की तहरीर पर महिला थाना करौली (Rajasthan Police) ने गैंगरेप का मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है. सोशल मीडिया पर बच्ची को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठी है. यूजर्स #करौली_SP_को_बर्खास्त_करो ट्रेंड पर ट्वीट कर बच्ची को न्याय देने की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें : जबलपुर : दलित युवक को बुरी तरह मारा, सिर मुंडवाकर थूक चटवाया, गांव में घुमाया

कुछ यूजर्स ने इस घटना का जिक्र करते हुए पूछा है कि आखिरकार कब तक एक मासूम दरिंदगी का शिकार होती रहेगी और प्रशासन घंटों तक मूक दर्शक बनकर बैठा रहेगा.

दलित आवाज़ के यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए क्लिक करें…

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कांशीराम के अनमोल विचार… संयुक्‍त राष्‍ट्र में ‘दलित छात्रा’ ने बढ़ाया ‘भारत का मान’ शूरवीर तिलका मांझी, जो ‘जबरा पहाड़िया’ पुकारे गए खुशखबरी: हर जिले में किसान जीत सकते हैं ट्रैक्‍टर जब कानपुर रेलवे स्‍टेशन पर वाल्‍मीकि नेताओं ने किया Dr. BR Ambedkar का विरोध सुभाष चंद्र बोस और डॉ. बीआर आंबेडकर की मुलाकात Dr. Ambedkar Degrees : डॉ. आंबेडकर के पास कौन-कौन सी डिग्रियां थीं ‘धनंजय कीर’, जिन्होंने लिखी Dr. BR Ambedkar की सबसे मशहूर जीवनी कांशीराम के अनमोल विचार व कथन जो आपको पढ़ने चाहिए जब पहली बार कांशीराम ने संसद में प्रवेश किया, हर कोई सीट से खड़ा हो गया डॉ. आंबेडकर के पास थीं 35000 किताबें…