हिंदू मंदिर में हुआ दलित मजूदरों का शोषण, अमेरिका की घटना शर्मनाक है

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नई दिल्ली. कहते हैं वक्त चाहे कितना भी बदल जाए, इंसान की जो आदत बन जाती है वो कभी नहीं बदलती है. विकासशील देश भारत हो या चाहे विकसित देश अमेरिका. दलितों के साथ अत्याचार का ग्राफ वक्त के साथ ऊपर ही जा रहा है.

दरअसल, अमेरिका में मंदिर में काम करने वाले दलित मजदूरों (Exploitation of scheduled caste laborers) ने बोचासंवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के खिलाफ मुक़दमा किया है. दलित मजदूरों का आरोप है कि संस्थान ने उन्हें बंधुआ की तरह काम करवाया और पैसे भी नहीं दिए. जानकारी के लिए बता दें कि ये संस्था अमेरिका में भव्य हिंदू मंदिरों का निर्माण करती है.

वॉलंटियर्स की तरह पेश किए गए मजदूर
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अपने मुकदमे में मजदूरों ने कहा है कि संस्था के अधिकारियों ने मज़दूरों को भारत से अमेरिका लाने के लिए वीज़ा अधिकारियों से भी सच छिपाया और मज़दूरों को वॉलंटियर्स की तरह पेश किया.

मजदूरों का कहना है कि जैसे ही वो अमेरिका पहुंचे संस्था ने उनके पासपोर्ट को अपने पास रख लिया. जब उन्होंने यहां काम किया तो उन्हें पैसे देना तो दूर ठीक से खाना भी नहीं दिया. उन्हें खाने के लिए सिर्फ दाल और आलू दिया गया, ताकि वो जैसे-तैसे जीवीत रह सकें.

संस्था ने किया आरोपों से इंकार

उधर, स्वामीनारायण संस्था या बैप्स ने इन आरोपों को नकारा है. संस्था के एक प्रवक्ता लेलिन जोशी ने अमेरिकी समाचार पत्रों से बात करते कहा कि मंदिर में पत्थरों को खास तरह से तराशने के लिए इन मज़दूरों की विशेष महारत के तौर पर स्पेशलाइज़्ड आर्टीज़न्स की श्रेणी का वीज़ा लिया गया था.

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