नई दिल्ली. हरियाणा के रोहतक (Haryana Rohtak) जिले में दो समुदाय के बीच हुए विवाद के बाद पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर लोगों ने पंचायत की और एसडीएम कार्यालय तक प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर जिले में दो समुदायों के बीच विवाद हुआ था. इस विवाद के बाद पुलिस ने अनुसूचित जाति के लोगों को थाने में बुलाकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया. साथ ही जातिसूचक अपशब्द कहे जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई हैं.
अनुसूचित जाति के लोगों ने शहर थाना प्रभारी के खिलाफ शहर में प्रदर्शन करते हुए निरीक्षक धर्मबीर पर जांच के दौरान जातिसूचक शब्द बोलने के आरोप लगाया है हालांकि निरीक्षक धर्मबीर का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं. वहीं, इस पूरे मामले में एसडीएम व डीएसपी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
जानिए क्या हुआ महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर
अमर उजाला पर प्रकाशित खबर के अनुसार महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर रोहतक के मोर पत्ती मोहल्ले में स्थित मंदिर के बाहर दो गुटों में झगड़ा हो गया था. एक गुट का आरोप है कि इस दौरान वो लोग कांवड लेकर मंदिर आ रहे थे, तभी रास्ते में कुछ लोगों ने उनके साथ गलत व्यवहार किया और अपशब्द कहे. जब कांवड लेकर जा रहे लोगों ने इसका विरोध किया तो दूसरे पक्ष ने मारपीट की. जबकि दूसरे गुट ने आरोप लगाया है कि शिवरात्रि पर जब कुछ युवक कांवड़ लेकर गली से गुजर रहे थे तो उनमें से कुछ युवकों ने गली में खड़ी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की.
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दूसरे गुट ने आरोप लगाया है कि कांवड ले जाने वाले समूह ने महिलाओं को जातिसूचक अपशब्द भी कहें. साथ ही रास्ते में खड़े कुछ वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया. दोनों गुटों में हुए इस संघर्ष को शांत करने के लिए स्थानीय लोगों ने पुलिस को बुलाया, जिसके बाद एक गुट ने आरोप लगाए हैं कि प्रभारी ने अनुसूचित शब्द बोलकर उन्हें अपमानित किया. स्थानीय पुलिस का कहना है कि इस मामले में 32 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है छानबीन की जा रही है.
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