केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख (Ladakh) में सरकारी भर्तियों में आरक्षण (Reservation) के लिए एक नया रोस्टर अपनाया गया है. इसके अंतर्गत जम्मू और कश्मीर आरक्षण नियमावली, 2005 (Jammu and Kashmir Reservation Rules, 2005) में संशोधन करके विभिन्न श्रेणियों के लिए कोटा में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है.
daily excelsior की रिपोर्ट के अनुसार, आरक्षण के लिए नए अपनाए गए रोस्टर में संघ शासित प्रदेश लद्दाख में अनुसूचित जातियों (Reservation Quota for Scheduled Castes in Ladakh) के लिए कोटा 8 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया गया है.
वहीं, लद्दाख में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण (Scheduled Tribes Reservation) कोटा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत कर दिया गया है.
इसके अलावा, लद्दाख में पिछड़े क्षेत्रों के निवासियों के साथ-साथ अन्य जातियों (कमजोर और विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों) के लिए आरक्षण पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है.
जबकि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एएलसी) से सटे क्षेत्रों के निवासियों और शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए संबंधित कोटा क्षैतिज आरक्षण के तहत 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है.
जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 23 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख प्रशासन के समाज कल्याण विभाग ने विभिन्न श्रेणियों के लिए आरक्षण कोटा में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं.
जम्मू और कश्मीर आरक्षण नियम, 2005 में संशोधन के तहत यूटी लद्दाख प्रशासन ने खंड (ए), नियम -4 में एक प्रतिशत से 8 प्रतिशत स्थानापन्न किया है, जो अनुसूचित जाति के लिए भर्ती में आरक्षण की परिकल्पना करता है.
जबकि खंड (ख) में, नियम-4 के तहत, कोटा को 10 प्रतिशत से 45 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है, जिसका अर्थ है कि लद्दाख में उपलब्ध रिक्तियों में से 45 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होंगी. अनुसूचित जनजाति लद्दाख की अधिकतम आबादी में रहते हैं.
एक संशोधन के तहत अब लद्दाख के पिछड़े क्षेत्रों के निवासियों के लिए कोई आरक्षण नहीं होगा, जो पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य में 20 प्रतिशत भर्ती कोटा प्राप्त कर रहे थे.
इसी प्रकार, अन्य जातियां (सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा), जो तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य में 2 प्रतिशत आरक्षण रखते थे, का लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में कोई भर्ती कोटा नहीं होगा.
हालांकि, पूर्व सैनिकों के लिए कोटा में कोई बदलाव नहीं किया गया है. उन्हें पूर्व की तरह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 6 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता रहेगा.