मुंबई. महाराष्ट्र में इन दिनों मराठा आक्षरण (Maratha Reservation) लागू किए जाने पर राजनीतिक तेज हो रही है. मराठा को आरक्षण दिए जानें से पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक सवाल पूछा है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आखिरकार कितनी पीढ़ियों तक आरक्षण जारी रहेगा. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी की सीमा हटाए जाने की स्थिति में पैदा होने वाली असमानता को लेकर भी चिंता प्रकट की.
सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोटा की सीमा तय करने पर मंडल मामले में (सुप्रीम कोर्ट के) फैसले पर बदली हुई परिस्थितियों को दोबारा से सोचने की आवश्यकता है. इस दौरान रोहतगी ने कहा कि आरक्षण कोटा तय करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर छोड़नी चाहिए.
केंद्र सरकार के आरक्षण पर कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट में दलील देते हुए रोहतगी ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों (ईब्ल्यूएस) को 10 फीसदी आरक्षण देने का केंद्र सरकार का फैसला 50 फीसदी की सीमा का उल्लंघन करता है.
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कितनी पीढ़ियों तक चलेगा आरक्षण
रोहतगी की दलील सुनने के बाद पीठ ने कहा अगर 50 फीसदी की सीमा या कोई सीमा नहीं रहती है, जैसा कि आपने सुझाया है, तब समानता की क्या अवधारणा रह जाएगी. पीठ ने कहा आखिर कितनी पीढ़ियों तक आरक्षण चलता रहेगा.
एक नजर में….
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