अनुसूचित जाति/जनजाति अधिकार कार्यकर्ता डॉ. उदित राज ने ऐलान किया है कि लॉकडाउन टूटने के बाद आरक्षण बचाने के लिए बड़ी लड़ाई लड़ी जाएगी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण से संबंधित दिए गए हालिया फैसले को लेकर उदित राज नाराज़ हैं. उनका कहना है कि आखिरी सांस तक बहुजन हित से समझौता नहीं होगा. दलित नेता (Dalit Leader) डॉ उदित राज फिलहाल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं.
डॉ. उदित राज (Dr. Udit Raj) ने ट्विटर पर लिखा, जो भी साथी ट्वीटर पर यह ट्रेंड #उदित_राज_जिंदाबाद करा रहे हैं, उनको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आखिरी सांस तक बहुजन हित से समझौता नहीं होगा. लॉकडाउन टूटने के बाद आरक्षण बचाने के लिए बड़ी लड़ाई की जाएगी. आप सबको जय भीम.
जो भी साथी ट्वीटर पर यह ट्रेंड #उदित_राज_जिंदाबाद करा रहे हैं, उनको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आखिरी सांस तक बहुजन हित से समझौता नहीं होगा।
लाकडाउन टूटने के बाद आरक्षण बचाने के लिये बङी लङाई की जायेगी ।आप सबको जय भीम ।
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) April 29, 2020
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आरक्षण (Reservation) से संबंधित दिए गए हालिया फैसले से एक बार फिर देश में इस विषय पर चर्चा शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बीते 22 अप्रैल को आंध्र प्रदेश सरकार के उस फैसले को निरस्त करते हुए आरक्षण के संबंध में कई बातें कही थीं, जिसमें जिसमें अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति को शत-प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई थी.
कोर्ट ने कहा कि जो आरक्षण का लाभ लेकर आगे बढ़ गए हैं, उन्हें लगातार आरक्षण का लाभ देना उचित नहीं है. इससे देश के दलित वर्ग और उनके नेताओं में नाराजगी है. डॉ. उदित राज ने भी इसकी क्रम में अपनी आवाज़ उठाने का फैसला लिया है.
दरअसल, अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ (एआईसीएसओ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उत्तर पश्चिमी दिल्ली से पूर्व सांसद रहे हैं. कुछ समय पूर्व ही रामलीला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने निजीकरण, बेरोजगारी और ईवीएम में छेड़छाड़ के मुद्दे भी उठाए थे.
डॉ. उदित राज ने कहा था कि, ‘संविधान खतरे में है, लोकतंत्र खतरे में है. अगर हमने एक साथ मिलकर प्रयास नहीं किए तो यह आरक्षण भी केवल कागजों पर ही रह जाएगा. अगर हम संविधान बचाना चाहते हैं, आरक्षण बचाना चाहते हैं तो इस आंदोलन की, जिसकी आज हमने शुरुआत की है, उसे सभी राज्यों और जिलों में लेकर जाने की जरूरत है.’