डॉ. निशा सिंह

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जब बाबा साहब ने दलित लेखकों से कहा था- ‘दलितों की बहुत बड़ी दुनिया है, इसे भूलना मत’

ब्‍लॉग- डॉ. निशा सिंह स्वतंत्रता के बाद जो लेखन के क्षेत्र में विमर्श प्रारंभ हुआ, उसने नब्बे के दशक तक आते-आते पूरी रफ्तार पकड़ ली. राजनीति के क्षेत्र में दलित विमर्श या आंदोलन भले भटक गया हो, लेकिन लेखन के क्षेत्र में दलित विमर्श पूरी तरह से अम्बेकरवादी हैं. भारतीय राजनीति में 1990 का दशक …

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जब महाड़ सत्‍याग्रह से बाबा साहब डॉ. आंबेडकर ने दलित आंदोलन की शुरुआत की

दलित आंदोलन या विमर्श के प्रमुख नायक भारत रत्न बाबा साहेब (Baba Saheb) डॉ. भीमराव आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) हुए, जिन्होंने पहली बार गहन अध्ययन कर विस्तृत फलक पर दलित आंदोलन को दिशा प्रदान की. उन्होंने अब तक के क्रांतिकारियों बुद्ध, फुले आदि से ऊर्जा ग्रहण कर आंदोलन को गहरे सामाजिक सरोकारों से जोड़ा. बाबा …

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दलित विमर्श: जब महात्‍मा फुले-पेरियार ने जातिवाद और ब्राह्मणवाद का विरोध किया

ब्‍लॉग- डॉ. निशा सिंह दलित (Dalit) विमर्श क्या हैं ?दलित विमर्श का क्षेत्र कितना हैं ? इसका अर्थ क्या हैं? आदि सवालों का जवाब दलित चिन्तक कंवल भारती इस प्रकार देते हैं कि दलित विमर्श सिर्फ एक जाति का विमर्श नहीं है, जैसा की आम धारणा हैं कि किसी दलित समस्या को लेकर किया गया विमर्श …

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कांशीराम के अनमोल विचार… संयुक्‍त राष्‍ट्र में ‘दलित छात्रा’ ने बढ़ाया ‘भारत का मान’ शूरवीर तिलका मांझी, जो ‘जबरा पहाड़िया’ पुकारे गए खुशखबरी: हर जिले में किसान जीत सकते हैं ट्रैक्‍टर जब कानपुर रेलवे स्‍टेशन पर वाल्‍मीकि नेताओं ने किया Dr. BR Ambedkar का विरोध सुभाष चंद्र बोस और डॉ. बीआर आंबेडकर की मुलाकात Dr. Ambedkar Degrees : डॉ. आंबेडकर के पास कौन-कौन सी डिग्रियां थीं ‘धनंजय कीर’, जिन्होंने लिखी Dr. BR Ambedkar की सबसे मशहूर जीवनी कांशीराम के अनमोल विचार व कथन जो आपको पढ़ने चाहिए जब पहली बार कांशीराम ने संसद में प्रवेश किया, हर कोई सीट से खड़ा हो गया डॉ. आंबेडकर के पास थीं 35000 किताबें…