हमीरपुर. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हमीरपुर (Hamirpur) में एक दलित परिवार (Dalit Family) पिछले चार महीने से ग्राम प्रधान की शह पर उत्पीड़न का दर्द झेल रहा है. इस परिवार के साथ आए दिन मारपीट की जाती है, उन्हें बेइज्जत किया जाता है और यह उनका उत्पीड़न (Dalit Atrocities) बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन पुलिस प्रशासन मामले में आंखें मूंदे बैठा है. स्थानीय पुलिस इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही. दरअसल, इस परिवार की महिलाओं को सरकारी हैंडपंप से पानी भरने की कीमत मारपीट और बेइज्जती कराकर चुकानी पड़ रही है.
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हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार, मौदहा कोतवाली के अरतरा गांव (Artara village of Maudaha Kotwali) निवासी हीरेंद्र अहिरवार (Hirendra Ahirwar) का परिवार इस उत्पीड़न का शिकार हो रहा है. हीरेंद्र अहिरवार ने बताया कि उनके साथ उत्पीड़न (Atrocities) का यह सिलसिला पिछले चार महीने से चल रहा है. ग्राम प्रधान भी इसमें बराबर शरीक है.
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हीरेंद्र के मुताबिक, बीते 23 फरवरी को उसकी पत्नी सन्नू सरकारी हैंडपंप से पानी भरने गई थी. उस दौरान गांव के कामता प्रसाद प्रजापति ने उसके बर्तन उठाकर फेंक दिए थे और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए उसे पंप से पानी न भरने देने की चेतावनी दी थी. उस वक्त तो पड़ोसियों ने किसी तरह मामले को शांत कराया था. लेकिन इससे पूर्व 16 अक्टूबर 21 को भी पानी भरने के दौरान योजनाबद्ध तरीके से उक्त कामता प्रसाद और इसके परिवार के लोगों ने उसकी पत्नी के साथ मारपीट की थी. पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके साथ उत्पीड़न बढ़ता ही जा रहा है. वह उच्चाधिकारियों से कार्रवाई की गुहार लगा रहे हैं.
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दलित आवाज़ के खबर लिखे जाने और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद ट्विटर पर हमीरपुर पुलिस का जवाब आया है कि इस संबंध में थाना मौदहा पुलिस द्वारा प्राप्त प्रार्थना पत्र के आधार पर 05 आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया है और विवेचनात्मक कार्यवाही की जा रही है.