नई दिल्ली : दिल्ली सरकार (Delhi Government) द्वारा आयोजित किया जा रहा बाबा साहब डॉ. बीआर आंबेडकर के जीवन पर आधारित संगीतमय भव्य नाट्य मंचन बाबा साहेब: द म्यूजिकल (Baba Saheb: The Musical today) शुक्रवार से दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम (Jawaharlal Nehru Stadium) में शुरू हो गया. इस शो को जनता से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, क्योंकि जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम जय भीम की गर्जना से गूंज उठा (Jawaharlal Nehru Stadium echoed with roars of Jai Bhim). इस मंचन के जरिये बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महान एवं प्रेरणादायी जीवन (Great and Inspirational Life of Dr. Bhimrao Ambedkar) को एक संगीतमय नाटक के ज़रिए दर्शाया जा रहा है. इस शो में मुख्य कलाकार के रूप में रोहित बोस रॉय, कथाकार के रूप में टिस्का चोपड़ा और टीकम जोशी जैसे शानदार कलाकार हैं. महुआ चौहान ने नाटक का निर्देशन किया है. इस संगीत समारोह के माध्यम से दर्शकों को एक अंतरराष्ट्रीय रंगमंच का अनुभव प्रदान करने का प्रयास है, जिसमें 40 फुट चौड़े घूमने वाले मंच के साथ 100 फुट का मंच है.
इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने कहा कि एक आम आदमी तक बाबा साहब के जीवन को पहुंचाने के लिए नाटक सबसे अच्छा जरिया हो सकता है. बाबा साहब का जीवन बहुत ही प्रेरणादायी है (Babasaheb’s life is very inspirational). मैं तो अपने आपको उनका भक्त मानता हूं. हम उनके जीवन को जितना पढ़ते हैं, उतना ही यकीन नहीं होता है कि ऐसा कोई व्यक्ति पैदा हुआ था. बाबा साहब ने अपनी जिंदगी में जो हासिल किया और दलितों- गरीबों को समाज में बराबरी (Equality in society for Dalits-Poor) के लिए जो संघर्ष किया, वह बेहद ही अद्भुत है. बाबा साहब के जीवन से एक ही संदेश मिलता है कि अगर आप पूरी लगन से लग जाओ, तो इस विश्व में कुछ भी असंभव नहीं है.
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दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम (Delhi’s Jawaharlal Nehru Stadium) में आज से शुरू हुए बाबा साहब के जीवन पर आधारित इस तरह का संगीतमय भव्य शो (Baba Saheb: The Musical today) अपने देश में पहली बार दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है. पहले दिन इस संगीतमय भव्य शो को देखने के लिए जानी मानी हस्तियां भी उपस्थित रहीं. साथ ही, सीएम अरविंद केजरवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) के साथ पूरा दिल्ली कैबिनेट और सभी विधायक भी मौजूद रहे. दूर-दराज से आए बड़ी संख्या में लोगों से जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम का ऑडिटोरियम (Jawaharlal Nehru Stadium Auditorium) खचाखच भर गया.
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इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि दिल्ली के अंदर आज से बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) के जीवन पर आधारित यह शो Baba Saheb: The Musical today शुरू हो रहा है. हम लोग दो साल से योजना बना रहे थे कि बाबा साहब के जीवन को जन-जन तक कैसे पहुंचाया जाए? हम लोगों ने स्कूलों में भी बाबा साहब (Baba Saheb) के बारे में पढ़ाने के लिए अलग से व्यवस्था की. हम लोगों ने सोचा कि एक आम आदमी तक बाबा साहब को पहुंचाने के लिए नाटक एक सबसे अच्छा जरिया हो सकता है.
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बाबा साहब का जीवन बहुत ही प्रेरणादायी: अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहब का जीवन बहुत ही प्रेरणादायी है. मैं तो अपने आपको उनका भक्त मानता हूँ. क्योंकि जितना हम उनके जीवन को पढ़ते हैं, उतना ही यकीन नहीं होता है कि ऐसा कोई व्यक्ति पैदा हुआ था. एक बार आइंस्टीन ने गांधी जी के बारे में बोला था कि आने वाली नस्लें यकीन नहीं करेंगी कि ऐसा व्यक्ति कभी इस धरती पर पैदा हुआ था. आइंस्टीन ने यह बात गांधी जी के बारे में कहा था, लेकिन मुझे लगता है कि यह बाबा साहब के बारे में बिल्कुल फिट होता है.
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सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहब एक बेहद ही गरीब घर में पैदा हुए थे. उनके घर में खाने को नहीं था. उस समय छुआछूत (Untouchability) इतना ज्यादा था कि जब बाबा साहब स्कूल आते थे तो उन्हें बाहर बैठा दिया जाता था. वहां से निकल कर वो कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पीएचडी करने पहुंच गए और लंदन ऑफ इकोनॉमिक्स में पीएचडी करने पहुंच गए. मैं सोच रहा था कि आज के समय में 100 साल बाद भी हमारे बच्चों को कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (Columbia University and the London School of Economics) में जाने में नानी याद आ जाती है. कहाँ किसको एडमिशन मिलता है. आज तो इंटरनेट का जमाना है. उन दिनों तो इंटरनेट भी नहीं था. आज आप सोच कर देखिए कि 1914-15 के आसपास बाबा साहब जब कोलंबिया यूनिवर्सिटी (Columbia University) गए थे. तब पहली बात तो यह कि उनको कोलंबिया यूनिवर्सिटी का नाम किसने बताया और उन्होंने फॉर्म कहा से लिया, उन्होंने आवेदन कैसे किया? मैं तो यह सोच-सोच कर दंग रह जाता हूँ कि बाबा साहब ने अपनी जिंदगी में जो हासिल किया और उन्होंने दलितों- गरीबों को समाज में बराबरी के लिए जो संघर्ष किया, वह बेहद ही अद्भुत है और अंत में उन्होंने देश का संविधान लिखा. उनके जीवन से एक ही संदेश मिलता है कि अगर आप पूरी लगन से लग जाओ, तो इस विश्व में कुछ भी असंभव नहीं है. आपको सबकुछ मिल सकता है और सब कुछ हो सकता है.
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बाबा साहब के संदेशों को लोगों तक पहुंचाएगा यह नाटक
हम सभी बाबा साहब को भारतीय संविधान के निर्माता (Baba Saheb Dr. BR Ambedkar, The architect of Indian constitution) के रूप में जानते हैं, लेकिन उनके जीवन के ऐसे कई पहलू हैं, जिनसे आम तौर पर लोग अनजान हैं. जैसे कि एक अर्थशास्त्री के रूप में उनकी भूमिका, आरबीआई की स्थापना, महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देना आदि. सही मायने में यह नाटक बाबा साहब के संदेश को लोगों तक पहुंचाएगा. बाबा साहब के मूल्यों और संदेश को आत्मसात करने के लिए, यह शो बाद के दिनों में दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रत्येक प्रधानाचार्य, छात्रों और शिक्षकों को भी दिखाया जाएगा. दिल्ली सरकार, दिल्ली में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रहा है. इस संगीत समारोह के माध्यम से दर्शकों को एक अंतरराष्ट्रीय रंगमंच का अनुभव प्रदान करने का प्रयास है, जिसमें 40 फुट चौड़े घूमने वाले मंच के साथ 100 फुट का मंच है.
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12 मार्च तक शो का होगा आयोजन, ऐसे मिलेगी फ्री टिकट
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महान एवं प्रेरणादायी जीवन को एक संगीतमय नाटक Baba Saheb: The Musical today के ज़रिए दर्शाया जा रहा है. दुनिया भर में बाबा साहब के करोड़ों प्रसंशक और अनुयायी हैं. जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 12 मार्च तक चलने वाले इस भव्य शो के प्रतिदिन दो शो होंगे. आम जनता के लिए यह शो बिल्कुल मुफ्त है, लेकिन सीमित सीट होने के कारण टिकट पहले बुक करना होगा. मोबाइल नंबर 8800009938 पर काल करके या www.babasahebmusical.in जाकर टिकट बुक कर सकते हैं. दिल्ली सरकार ने अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग आकर नाटक देंखे और बाबा साहब के जीवन से प्रेरणा लें. इस शो में मुख्य कलाकार के रूप में रोहित बोस रॉय, कथाकार के रूप में टिस्का चोपड़ा और टीकम जोशी जैसे शानदार कलाकार हैं. महुआ चौहान ने नाटक का निर्देशन किया है.
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दिल्ली सरकार ने बाबा साहब के महापरिनिर्वाण दिवस पर उनके जीवन पर भव्य संगीतमय नाटक Baba Saheb: The Musical today आयोजित करने का निर्णय लिया था. पहले यह नाटक पांच जनवरी से शुरू होने वाला था, लेकिन ओमिक्रॉन कोरोना की वजह से इसे स्थगित करना पड़ा था.