नई दिल्ली. 8 मार्च को सारी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (Women’s Day 2021) मना रही है. महिलाओं के सम्मान में देश में कई तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं. महिला दिवस पर कई महिलाओं की गौरव गाथा सुनने को मिली है. लेकिन इस खास मौके पर दलित आवाज आपके लिए लाया है ऐसे दलित लड़की की कहानी जिसने भारत का नाम अमेरिका में रोशन किया. एक दलित परिवार से आने वाली मंजरी चावला अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं.
यह अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ऑफ कैलिफोर्निया (Supreme court of California) की स्टेट बार सनफ्रांसिको कोर्ट में पहली बार भारतीय-मूल की दलित महिला की नियुक्ति हुई थी. डॉ. संत प्रकाश चावला (खटीक) की पुत्री मंजरी चावला ने भारत का नाम रोशन करते हुए सनफ्रांसिको कोर्ट में जज की शपथ ली थी. पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए मंजरी ने ना सिर्फ सोच में बदलाव लाने की कोशिश की बल्कि दलितों का नाम दुनिया में रोशन किया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंजरी के पिता भी अमेरिका में बहुत बड़ा नाम रखते हैं. मंजरी के पिता संत प्रकाश चावला अमेरिका में प्रसिद्ध कैंसर के चिकित्सक हैं. जिस समय मंजरी ने अमेरिका में जज पद की शपथ ली थी, उस वक्त उनके पैतृक गांव समेत पूरे भारत में खुशी की लहर थी. लोगों का कहना था कि अगर मौका मिले और मन में कुछ करने की ठान ली जाए तो दलित युवक-युवतियां देश-विदेश में सफलता का परचम लहरा सकते हैं.
नहीं छोड़ा भारत वाला घर
अक्सर देखा जाता है कि जब लोग दुनिया में नाम और शोहरत पा लेते हैं तो वो भारत के ग्रामीण क्षेत्रों वाले घरों को छोड़ देते हैं, लेकिन मंजरी ने ऐसा नहीं किया. मंजरी का घर प्रागपुरा गांव में आज भी है. ग्रामीणों का कहना है कि इस घर में फिलहाल तो कोई नहीं रहता है लेकिन मंजरी के पिता ने इसे बेचा भी नहीं है.