सामाजिक समरसता के माध्यम से ही हम एक राष्ट्र बन सकते हैं: डॉ. बीआर आंबेडकर

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इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी के नेता के रूप में डॉ. बी. आर. आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) ने दिनांक 5 फरवरी, 1940 को कांग्रेस (Congress) और मुस्लिम लीग (Muslim League) के दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए कहा था, “मैं गांधी जी और कांग्रेस से सहमत नहीं हूं जब वे यह कहते हैं कि भारत एक राष्ट्र है. मैं मुस्लिम लीग की विदेश संबंधी समिति के इस कथन से भी सहमत नहीं हूं कि एक राष्ट्र के रूप में हिन्दुओं और मुसलमानों को जोड़ा नहीं जा सकता.”

डॉ. बी. आर. आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) ने आगे कहा “मेरा मानना है कि हम एक राष्ट्र नहीं हैं. परन्तु मुझे इस बात की पूरी आशा है कि हम एक राष्ट्र हो सकते हैं बशर्ते सामाजिक समरसता की समुचित प्रक्रिया की शुरुआत की जाए.”

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