मुझे ऐसा लगा कि अगर जिंदगी में हमें किसी दिशा में आगे बढ़ना है, तो शुद्र और अतिशूद्र लोगों को हुक्मरान बनना जरूरी है. इन लोगों की हुकूमत होगी तो ये लोग अपने हिसाब से अपने कारोबार को चलाने लगेंगे, तो तब ही इनकी बात आगे बढ़ सकती है. – मा. कांशीराम (Kanshi Ram Ke Anmol Vichar)
चमचा बनाने की आवश्यकता… पढ़ें-मान्यवर कांशीराम के विचार
आज हमारे महापुरुष जिंदा नहीं है. हम लोग जिंदा हैं, इसलिए हम लोगों को उनके एजेंडा को लागू करना है और लागू करने के लिए उस एजेंडा को पहले अच्छी तरह समझना है. – मा. कांशी राम (Bahujan Leader Kanshi Ram)
कार्यकर्ता को चमचा समझने की भूल तो नहीं ही करनी चाहिए : मान्यवर कांशीराम
बाबासाहब की मूवमेंट एक शरीर है, जिसमें सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक ये जरूरी अंग है. जिसमें एक को भी छोड़ दिया जाए तो शरीर खराब हो जाएगा और बीमारी बढ़ जाएगी. इसलिए हमें सारी मूवमेंट को एक साथ आगे बढ़ाना है. – मा. कांशी राम (Kanshi Ram Thoughts)
भूखे-प्यासे और साइकिल भी पंचर… मान्यवर कांशीराम का 5 पैसे वाला ‘प्रेरक किस्सा’
जब आदमी ईमानदारी से काम करता है तो उसके परिणाम भी बेहतर आते हैं. इसलिए आप लोगों को भी मेरी राय है कि आप लोग भी अपना समय व्यर्थ ना गवाएं और काम करें. जब तुम ईमानदारी से काम करोगे तो कामयाबी तुम्हें सलाम करेगी. – मा. कांशी राम (Kanshi Ram Ke Anmol Vichar)
जब पहली बार मान्यवर कांशीराम ने संसद में प्रवेश किया, हर कोई सीट से खड़ा हो गया था…
महामना ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज और बाबासाहब के बारे में मैं हमेशा सोचता रहता हूं कि सबसे बड़ा काम जो इन महापुरुषों ने अपनी जिंदगी में किया है, वो काम है, छुआछूत का अंत करने का. फिर उसके बाद अनपढ़ लोगों को पढ़ने-लिखने का मौका.. इसलिए खासकर जो लोग हजारों सालों तक छुआछूत का शिकार रहे उन लोगों को इन तीन चीजों के बारे में जानकारी रखना जरूरी है – छुआछूत का अंत (Abolishment of untouchability) , पढ़ने लिखने की शरुआत, पढ़ने लिखने के बाद आरक्षण (Reservation). ये तीन चीजें हमारे बुजुर्गों के बारे में, इन तीनों महापुरुषों के बारे में, खासकर अछूत कहे जाने वाले लोगों को ऋणी रहना चाहिए. – मा. कांशी राम (Manyawar Kanshi Ram)
कांशीराम ने क्यों कहा, ‘हमें चमचों से नहीं डरना’… यह प्रेरक बात जाननी बहुत जरूरी है
पत्रकार का सवाल: क्या आप अपने बहुजन समाज को हिन्दू समाज की मुख्यधारा से अलग मानते हैं ?
कांशीराम: बहुजन समाज ही असली मुख्यधारा है, हिन्दू समाज नहीं. क्योंकि बहुजन समाज इस देश का बहुसंख्यक समाज है.
Kanshiram ke Vichar: कांशीराम के अनमोल विचार-कथन, पार्ट-3
यह ठीक है कि हमारे पास धन-दौलत की कमी है, मगर हमारे पास मुक्कों की कमी नहीं है. अगर हम 85 प्रतिशत मुक्कों को इकठ्ठा करके दुश्मन की नाक पर मार दें तो दुश्मन गुण्डागर्दी अत्याचार के हथकण्डे अपनाने की कोशिश नहीं करेगा. – मा. कांशी राम (Kanshi Ram)