नई दिल्ली. आधुनिक युग में देश के कई हिस्सों में दलितों के साथ ऐसे जघन्य अपराध हो रहे हैं, जिसकी कल्पना करना भी शर्मनाक है. ताजा मामला कर्नाटक के चिकमंगूलर का है. जहां पुलिस थाने में एक दलित युवक के साथ पहले जमकर मारपीट की गई. इतना ही नहीं थाने में जब युवक ने पीने के लिए पानी मांगा तो उसे पेशाब दिया गया.
युवक ने इस मामले की शिकायत डीजीपी प्रवीन सूद से की है. दलित युवक ने आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ अमानवीय बर्ताव करने के लिए सख्त कार्रवाई की भी मांग की है.
इस बात पर हिरासत में लिया गया दलित युवक
दलित युवक ने आरोप लगाया कि गोनीबीड़ू पुलिस ने उसे 10 मई को केवल ग्रामीणों की मौखिक शिकायतों के आधार पर हिरासत में लिया था. उस पर आरोप लगा कि वह एक महिला से बात कर रहा था और इससे गांव वाले नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि मुझे थाने ले जाया गया और पीटा गया और मेरे हाथ-पैर बांध दिए गए. मैं प्यासा था, पानी मांग रहा था, प्यास से मरने जैसी हालत हो गई. लेकिन उन्होंने (पुलिसकर्मी) चेतन नाम के एक दूसरे आरोपी को मुझ पर पेशाब करने के लिए बुला लिया.
छोड़ने के बदले पेशाब चाटने को कहा…
दलित युवक ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने मुझे थाने से छोड़ने के बदले पेशाब को फर्श से चाटने के लिए कहा, मैंने वैसा ही किया और बाहर आया. इस घटना के सामने आने के बाद चिकमगलुरु के एसपी ने प्रारंभिक जांच के आदेश जारी किए हैं. साथ ही आरोपी सब इंस्पेक्टर को पुलिस स्टेशन से स्थानांतरित कर दिया गया है.