नई दिल्ली/चेन्नई : तमिलनाडु (Tamil Nadu) में सवर्ण जातियों (Upper Caste) के लोगों द्वारा जातीय उत्पीड़न (Dalit Atrocities) के सताए 8 दलित परिवारों द्वारा धर्म परिवर्तन किए जाने (8 Dalit families have reportedly converted to Islam in Tamil Nadu Theni district) का मामला सामने आया है. तमिलनाडु (Tamil Nadu) के थेनी जिले में आठ दलित परिवारों के चालीस लोगों ने कथित तौर पर इस्लाम धर्म (Islam Religion) अपना लिया है. धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूलने वाले दलितों ने आरोप लगाया कि उनके गांव में सवर्ण जाति के लोगों द्वारा उत्पीड़न के कारण उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर होना पड़ा. यह मामला थेनी में बोदिनायकनूर शहर के पास डोम्बुचेरी गांव (religious conversion happened in Dombucheri village near Bodinayakanur town in Theni) का है.
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एक रिपोर्ट के अनुसार, वीरालक्ष्मी, जिन्होंने इस्लाम में परिवर्तित होने के बाद रहीमा नाम रख लिया है, ने धर्म परिवर्तन के लिए अपने गांव के उच्च जाति के लोगों को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि दिवाली के दौरान उसके पति पर ऊंची जाति के लोगों ने हमला किया था. वह आगे कहती हैं कि “4 नवंबर को, मेरे पति पर प्रभावशाली जाति के सदस्यों ने हमला किया था. उनसे बाइक रखने को लेकर पूछताछ की. मैंने उन्हें हमारी लड़कियों को स्कूल जाते समय छेड़ते हुए देखा है. ये हमें जाति के नाम से पुकारते हैं. यही वजह है कि हम मुसलमान हो गए. मैंने अपना नाम वीरालक्ष्मी से बदलकर रहीमा कर लिया है”.
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उनके पति कलाईकनन, जो अब मोहम्मद इस्माइल हैं, ने कहा कि वह हिंदू (Hindu) पैदा हुए थे, लेकिन बचपन से ही उन्हें जाति संबंधी अत्याचारों (caste related atrocities) का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, “मुझे प्रभुत्वशाली जाति के लोगों के मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी और उनके द्वारा समान नहीं माना जाता था. 2009 में मुझे याद है कि एक शव जुलूस को उनके घर की सड़कों से ले जाने की अनुमति नहीं होने के कारण हम पर हमला किया गया, जिससे कई लोग बुरी तरह घायल हो गए.” वह आगे कहते हैं, “आज तक समाज के इतना आगे बढ़ने के बाद भी कुछ नहीं बदला है. मैंने दीवाली की घटना के बाद ही इस्लाम अपनाने का फैसला किया, जहां प्रमुख जाति के लोगों ने हम पर हमला किया और मैं बीच में फंस गया. जब पुरुषों के एक समूह ने मुझे बाइक चलाते हुए देखा तो मैं चौंक गया और कहा कि चाकलिया जाति (Chakliya caste) का एक व्यक्ति बाइक कैसे रख सकता है.”
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नागराज, जो अब मुस्तफा हैं, ने आरोप लगाया कि दलित समुदाय (Dalit Community) के सदस्यों को समय-समय पर “दंगों” में गांव के प्रमुख जाति के लोगों द्वारा निशाना बनाया जाता है. छह महीने में कम से कम एक बार यहां दंगा होता है, जिसमें सवर्ण जाति के लोग हम पर हमला करते हैं और हमारे सामान को नुकसान पहुंचाते हैं. हमें इसका सामना क्यों करना पड़ता है? हमने आपस में चर्चा करने के बाद इस्लाम (Islam Conversion) अपनाने का फैसला किया. यहां हमें बराबर के रूप में देखा जाता है. मैंने अपने पिता और दादा को हिंदू होते हुए भी अपमानित होते देखा है, और मैं नहीं चाहता कि यह जारी रहे.”
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तमिल पुलीगल पार्टी के उत्तरी थेनी सचिव मुहम्मद अली जिन्ना (Tamil Puligal party’s North Theni secretary Muhammad Ali Jinnah), जिन्हें इस्लाम में परिवर्तित (converted to Islam) होने से पहले वैरामुथु के नाम से जाना जाता था, ने “जाति अत्याचार” पर दलित हिंदुओं के धार्मिक रूपांतरण (Religious Conversion of Dalit Hindus on Caste Atrocities) को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा, ‘धर्मांतरण का कारण कुछ और नहीं बल्कि क्षेत्र में जातिगत अत्याचार (Caste Atrocities) है. पंद्रह साल पहले भले ही हम हिंदू थे, हमें उसी सड़क पर चलने की अनुमति नहीं थी, जिसका इस्तेमाल प्रमुख जातियों द्वारा किया जाता था. अब भी दबंग जाति के पुरुषों के बाल काटने वाले नाई हमारे बाल नहीं छूते. हमें बाल कटवाने के लिए आस-पास के गांवों में जाना पड़ता है. दलितों का यहां कभी स्वाभिमान नहीं रहा.’
थेनी के धर्म परिवर्तन (Theni religious conversion incident) की घटना ऐसे समय में आई है, जब ईसाई मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली एक लड़की के कथित जबरन धर्म परिवर्तन के मुद्दे ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है.
(Dalit families have reportedly converted to Islam)