उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh ) के वाराणसी (Varanasi) के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में दलित छात्र के साथ सवर्ण जाति के छात्र ने इसलिए मारपीट (Dalit Student beaten up for not touching feet) की, क्योंकि उसने उसके पांव छूने से मना कर दिया. जब दलित छात्र ने ऐसा करने से मना किया तो उसके साथ जमकर मारपीट की गई. छात्र का कहना है कि मारपीट के दौरान उस पर जानलेवा हमला किया गया और बाल्टी तक उसके सिर पर दे मारी गई. यहां तक की उसका गला दबाकर जान लेने की कोशिश भी की गई. वाराणसी पुलिस (Varanasi police) मामले में की जांच कर रही है.
पीडि़त दलित छात्र (Dalit Student) का नाम संतोष है, जोकि बीएचयू (BHU) से एमए की पढ़ाई कर रहा है. अभी वह तीसरे सेमेस्टर में है और बीएचयू के बिड़ला सी हॉस्टल (BHU Birla C Hostel) में रहता है. संतोष ने आरोप लगाया है कि बीते 21 दिसंबर की रात 10 बजे हॉस्टल में रहने वाला सवर्ण जाति का एक छात्र शुभम सिंह नशे की हालत अपने दोस्तों के साथ उसके कमरे में आ धमका. शुभम ने उससे अपने और दोस्तों के पैर छूने के लिए कहा. जब उसने ऐसा करने से मना कर दिया तो उसने पीटना शुरू कर दिया और बाल्टी सिर पर दे मारी गई और गला दबाकर जान लेने की कोशिश की गई.
पीड़ित दलित छात्र का कहना है कि वह किसी तरह अपनी जान बचाकर हॉस्टल से बाहर भागा. इसके बाद भी शुभम उसके पीछे भागता रहा और जातिसूचक गालियां (Caste Slurs) दे रहा था. Varanasi के भारत कला भवन के चौराहे पर पहुंचने पर जब मौके पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड की वार्डन सर से बात कराई गई तब जाकर उसे सुरक्षा मिली.
पीड़ित छात्र संतोष का यह भी कहना है कि उसने घटना के दिन ही लंका थाने (Lanka police station) में आरोपी छात्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकनि पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी. इसके बाद उसने बीएचयू के ही अपने साथियों के साथ मिलकर थाने का घेराव किया. तब कहीं जाकर लंका थाना पुलिस ने आरोपी सवर्ण छात्र शुभम सिंह के खिलाफ 24 दिसंबर की रात केस दर्ज किया. इसमें मारपीट की धाराओं के साथ एससी/एसटी एक्ट (SC-ST Act) की धाराएं भी लगाई गई हैं.