Dr. BR Ambedkar on Scheduled caste Students Education : अनुसूचित जातियों के छात्र (Scheduled caste Students) कालेज स्तर तक पहुंचकर क्यों पढ़ाई छोड़ देते हैं इसके कुछ कारण हैं. पहला और मुख्य कारण उनकी गरीबी (Poverty) है, दूसरा कारण कालेज-प्रवेश में कठिनाई, तीसरा कारण शुल्कमुक्ति का न होना और चौथा कारण छात्रावास में रिहायश का अभाव. इनमें से कुछ कठिनाइयां सरकार से वित्तीय सहायता द्वारा दूर हो सकती हैं. लेकिन इनमें से एक कठिनाई वित्तीय सहायता से दूर नहीं हो सकती, वह कालेज में प्रवेश से संबंधित है.
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कालेजों में प्रवेश की संख्या विश्वविद्यालय या सरकार द्वारा नियत की हुई है. केवल कुछ संख्या में लड़के प्रवेश पा सकते हैं. इससे कालेज शिक्षा पाने के इच्छुक अनुसूचित जातियों के छात्रों (Scheduled caste Students) को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. यह सामान्य कठिनाई जान पड़ती है. लेकिन यह अन्य समुदायों के छात्रों की अपेक्षा अनुसूचित जातियों के छात्रों को बुरी तरह प्रभावित करती है.
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यह इस कारण से है क्योंकि कालेज शिक्षा निजी हाथों में है और अधिकांश कालेज उन निजी निकायों द्वारा चलाए जाते हैं जो अपने संगठन और स्टाफ के मामले में सांप्रदायिक हैं. कालेजों का दृष्टिकोण अधिकांशतः सांप्रदायिक है. इस सांप्रदायिक दृष्टिकोण का प्रभाव प्रवेश देने पर पड़ता है. इस का परिणाम यह होता है कि विशेष समुदायों या उच्च समुदायों के छात्रों को प्रवेश में वरीयता दी जाती है और अनुसूचित जातियों के छात्रों को इस आधार पर प्रवेश मना कर दिया जाता है कि प्रवेश संख्या पूरी हो गई है या उन पर तब विचार किया जाता है जब कुछ रिक्तियां रह जाती हैं. बड़े शहरों में, जहां ज्यादातर कालेज स्थित हैं, जनसंख्या के आगमन से यह स्थिति भयानक रूप से बिगड़ गई है. कालेजों में प्रवेश के इच्छुक उन छात्रों की विशाल रुप से कालेज में प्रवेश का मामला पहले से अधिक मुश्किल हो गया है.
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स्त्रोत : बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर संपूर्ण वाड्मय, खंड 36