ये सजा है या मनमानीः दलित बुजुर्गों से पंचायत ने ‘पैरों पर गिरकर’ माफी मंगवाई

नई दिल्ली. आजादी के कई दशक बीत जाने के बावजूद भारत के कई हिस्सों में आज भी जातिगत भेदभाव देखने को मिलते हैं. ताजा घटनाक्रम में तमिलनाडु (Tamil nadu Dalit) के एक जिले में दलितों को सजा के तौर पर सवर्ण समुदाय के लोगों के पैरों पर गिराया गया.

आजतक पर छपी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के विल्लुपुरम जिले में 12 मई को दलित समुदाय के परिवारों ने अपने ग्राम देवता की पूजा पाठ (Dalit Community Puja) के लिए एक समरोह की इजाजत ली थी. इस समारोह में ज्यादा लोग इकट्ठा होने के कारण कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं हो पाया.

जिसके बाद स्थानीय पुलिस (Tamil nadu Police) को सूचना दी गई. पुलिस ने पूजा स्थान से लोगों की भीड़ हो हटाया और इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों को पुलिस थाने ले गई. वहां एक लिखित माफी और आश्वासन कि इस तरह की घटनाओं को दोहराया नहीं जाएगा, के बाद सभी छोड़ दिया गया. हालांकि मामला यहीं खत्म नहीं हुई.

कंगारू कोर्ट ने सुनाई दलितों को सजा

पुलिस थाने से मामला खत्म होने के बाद पंचायत ने समुदाय के लोगों को उपस्थिति होने का आदेश दिया. जिसके बाद दलित समुदाय के कुछ सदस्य कंगारू कोर्ट में शामिल होने के लिए पहुंचे जहां उन्हें हिंदुओं के पैरों पर गिरने का आदेश दिया गया. ये सजा उन्हें समारोह को बिना हिंदुओं की अनुमति के आयोजन करने के लिए सुनाई गई.

8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

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रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने फिलहाल 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

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