नई दिल्ली : जहां देश में आरक्षण (Reservation) का दायरा बढ़ाए जाने की मांग चल रही है, वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने अलग ही वकालत कर दी है. वह चाहते हैं कि आरक्षण को खत्म कर दिया जाए. उनका कहना है कि आरक्षण हमारे लिए कलंक है. ऐसा लगता है कि यह भीख है और यह हमारे साथ चिपक गया है.
दरअसल, बुधवार को नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब (Constitutional Club, New Delhi) में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में मांझी (Jitan Ram Manjhi) बोल पड़े कि आरक्षण और जातिवाद का राक्षस हमें निगल रहा है. समान स्कूली शिक्षा ही इसका उपाय है. अगर देश में कॉमन स्कूलिंग सिस्टम लागू हो जाए तो 10 साल बाद हमें आरक्षण (Reservation) की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी.
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उन्होंने कहा कि इसे लागू कर 10 साल का समय दीजिए और देखिये हम आगे बढ़ जाएंगे. फिर आरक्षण और जातिवाद की कोई बात ही नहीं होगी. उन्होंने आगे कहा कि हमको आरक्षण नहीं चाहिए था. यह हमको भीख की तरह मिला.
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मांझी ने कहा कि अनुसूचित जाति की सीटों (Scheduled Caste Seats) पर सामान्य वर्ग के लोग जीत रहे हैं. आरक्षण के ज़रिए नौकरी पाए व्यक्ति को बार-बार हीनभावना से देखा जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि आरक्षण देकर एहसान किया गया हो.
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