नई दिल्ली : दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम (Rajendra Pal Gautam) को एसोसिएशन ऑफ बौद्ध टूर ऑपरेटर्स (Association of Buddhist Tour Operators) द्वारा लॉर्ड बुद्धा इंडिया पीस एंड टूरिज्म मित्र अवार्ड 2021 (Lord Buddha India Peace & Tourism Mitra Award 2021) से सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार ने मानवता, शांति, प्रकृति, संस्कृति और दुनिया भर में भगवान बुद्ध (Lord Buddha) की शिक्षाओं के प्रचार के लिए उनके उत्कृष्ट कार्य को मान्यता दी.
एबीटीओ द्वारा बोधगया (Bodh Gaya) में पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया था, जिसमें विभिन्न देशों और राज्यों के 200 से अधिक विद्वान, व्यापार भागीदार और 50 से अधिक प्रदर्शक उपस्थित थे. इस अवसर पर मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम (Rajendra Pal Gautam) मुख्य अतिथि थे.
राजेंद्र पाल गौतम : बाबा साहब के सैनिक होने से लेकर दलित उत्थान के लिए काम करने तक…
पुरस्कार ग्रहण करने के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने डॉ. बीआर आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) को आंबेडकर नेशनल मेमोरियल (Ambedkar National Memorial) पर श्रद्धांजलि अर्पित की. मिशन जय भीम (Mission Jai Bhim) और अन्य संगठनों के सदस्यों ने उनका स्वागत किया. जिन्होंने उन्हें उनके पुरस्कार के लिए बधाई दी.
इस अवसर पर मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा जब तक जाति (Caste System) रहेगी तब तक उत्पीड़न रहेगा. जाति की वजह से हजारों साल तक देश के करोड़ों लोगों ने उत्पीड़न (Dalit Atrocities) झेला है, वह शोषण के शिकार रहे हैं, शिक्षा व्यापार और संपत्ति से वंचित रहे हैं. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी ने हजारों साल की गुलामी से उन्हें आज़ाद करा कर उनके पढ़ने लिखने नौकरियों और विकास के रास्ते खोल दिए है. किंतु आज भी देश के कोने-कोने में जातिगत उत्पीड़न जारी है. विषमता पर आधारित व्यवस्था बार-बार ऐसी घटनाएं करती है जिससे देश शर्मसार होता है. हमने संकल्प किया है कि भारत में समतामूलक समाज की स्थापना करनी है. जब तक देश के अंदर क्षमता मैत्री व भाईचारे पर आधारित न्यायपूर्ण समाज की स्थापना में हो जाए जब तक सबको समान रूप से आगे बढ़ने का अवसर न मिल जाए तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा.
उनका जीवन और कार्य
राजेंद्र पाल गौतम, आंबेडकर वादी हैं. जिन्होंने भारत में दलितों (Dalits) और उत्पीड़ित वर्गों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ पूरा किया और गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले 450 बच्चों की शिक्षा को प्रायोजित किया. अपने प्रारंभिक सक्रियता के दिनों में, वह समता सैनिक दल (Samata Sainik Dal) के सदस्य बन गए. जिसकी स्थापना डॉ. बीआर आंबेडकर ने की थी. जिसमें उन्होंने भारत में उत्पीड़ित जाति और वर्गों के खिलाफ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई.
दिल्ली सरकार में चुनाव लड़ने और समाज कल्याण मंत्री बनने के बाद वह जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के सूत्रधार रहे हैं. इस योजना के तहत एससी / एसटी / ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के बच्चों की निजी कोचिंग फीस दिल्ली सरकार देती है. उनके नेतृत्व में, दिल्ली सरकार ने हाथ से मैला ढोने की प्रथा को समाप्त करने के लिए हाथ से मैला ढोने वालों को मशीनें और सुरक्षात्मक गियर प्रदान करके सीवर सफाई मशीनें भी शुरू कीं.
मिशन जय भीम के माध्यम से आज राजेंद्र पाल गौतम भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को भारत और दुनिया के कोने-कोने तक ले जा रहे हैं. डॉ. बीआर अंबेडकर से प्रेरणा लेकर 10 करोड़ लोगों को बौद्ध धर्म के दायरे में लाने का लक्ष्य.